थोक महंगाई दर में भी इजाफा, खाने-पीने की चीजें हुईं महंगी

 
नई दिल्ली 

खुदरा महंगाई के बाद अब थोक महंगाई दर ने भी आम आदमी को झटका दिया है. नवंबर में आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई. इसमें खाद्य वस्तुओं, विशेषकर सब्जियों के थोक महंगाई दर में वृद्धि देखी गई. थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित देश की वार्षिक महंगाई दर नवंबर में बढ़कर 0.58 फीसदी हो गई, जबकि अक्टूबर में यह 0.16 फीसदी थी.

खाने-पीने की चीजें हुईं महंगी

महीने दर महीने आधार पर नवंबर में खाने-पीने की चीजों की थोक महंगाई दर 7.65 फीसदी से बढ़कर 9.02 फीसदी रही है. इस दौरान सब्जियों खासकर प्याज और दालों में महंगाई में अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई. महीने दर महीने आधार पर नबंबर में मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की थोक महंगाई दर पिछले महीने के -0.84 फीसदी पर ही बरकरार रही है.
हालांकि, वार्षिक आधार पर वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़ों में गिरावट का रुझान है. महंगाई इसी अवधि में 2018 के दौरान 4.47 फीसदी बढ़ी थी.

नवंबर में होलसेल का लेखा-जोखा

मंत्रालय ने नवंबर के लिए 'इंडेक्स नंबर्स ऑफ होलसेल प्राइस इन इंडिया' की समीक्षा में कहा, 'पिछले वर्ष की इसी अवधि में 4.56 फीसदी की बिल्डअप दर की तुलना में मौजूदा वित्त वर्ष में बिल्डअप महंगाई की दर दो फीसदी है.' क्रमिक आधार पर प्राथमिक वस्तुओं पर खर्च 6.41 फीसदी से बढ़कर 7.68 फीसदी हो गया. प्राथमिक वस्तुओं का डब्ल्यूपीआई में कुल वेटेज 22.62 फीसदी है.
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित देश की वार्षिक महंगाई दर नवंबर में बढ़कर 0.58 प्रतिशत हो गई. जबकि अक्टूबर में यह 0.16 फीसदी थी. आधिकारिक आंकड़ों में सोमवार को यह जानकारी सामने आई है.

रिटेल महंगाई दर में भी इजाफा

गौरतलब है कि इससे पहले खुदरा महंगाई दर में इजाफा देखने को मिला था. खुदरा महंगाई दर नवंबर में बढ़कर 5.54 फीसदी पर पहुंच गई जो पिछले 40 महीनों में सबसे ऊपर है. सब्जियों और दालों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी की वजह से रिटेल महंगाई दर बढ़ी है. 

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