ठंडे बस्ते में बीएमसी का इलेक्ट्रिक बसों को चलाने का फार्मूला

भोपाल। 100 इलेक्ट्रिक बसों के टेंडर प्रक्रिया के 4 महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी टेंडर प्राक्रिया अभी अंंडर प्रोसेस है। यह हाल तब है जब राजधानी भोपाल एयर क्वालिटी इंडेक्स में प्रदेश में दूसरे पायदान पर है और लगातार इसके एक्यूआई मानकों में गिरावट जारी है बावजूद इसके नगरीय एवं जिला प्रशासन चेतने को तैयार नहीं है। आलम यह है कि ई-बसों के संचालन से कुछ हद तक निजात मिलती ,लेकिन खरीदी का मामला ही ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।

भोपाल स्मार्ट सिटी को मिली थी 100 बसें  
 केंद्र सरकार से प्रदेश सरकार के कोटे में करीब 340 ई बसें खरीदने का कोटा आया था। उसमें से 100 बसें अकेले भोपाल स्मार्ट सिटी को मिली थी। शेष अन्य जिलों के स्मार्ट सिटी को आवंटित की गई थीं। इसके खरीदी को लेकर संपूर्ण तैयारियों की कवायद शुरू कर दी गई थी। 100 बसों की कीमत आॅन द रोड करीब 100 करोड़ के आसपास बताई जा रही थी,लेकिन नगर निगम का कार्यकाल पूरा हो जाने के चलते इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और टेंडर को अंडर प्रोसेस बता मामले को टाला जा रहा  है। वहीं,इसके विपरीत अभी हाल ही में आई एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। रिपोर्ट में प्रदेश में प्रदूषण के मामले में सिंगरौली के बाद राजधानी भोपाल दूसरे पायदान पर रहा।

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