टीआरएस में विधायकों के विलय की मंजूरी का विरोध, भूख हड़ताल पर कांग्रेसी

हैदराबाद
तेलंगाना में कांग्रेस के 12 विधायकों का तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) में विलय और उसे स्पीकर की मिली मंजूरी मिलने का मामला गरमा गया है। शनिवार को प्रदेश कांग्रेस के कार्यकर्ता स्पीकर के फैसले के विरोध में भूख हड़ताल पर बैठ गए। कार्यकर्ताओं ने विलय को मंजूरी मिलने के खिलाफ 36 घंटे की भूख हड़ताल का ऐलान किया है। बता दें कि शुक्रवार को राज्य के राज्यपाल एन श्रीनिवास रेड्डी ने कांग्रेस के 12 विधायकों के टीआरएस में विलय को मंजूरी दे दी थी।

कांग्रेस ने की थी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग
इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी ने टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव (केसीआर) पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए स्पीकर से बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए कहा था कि किसी भी राष्ट्रीय पार्टी के विधायकों के समूह का विलय किसी क्षेत्रीय पार्टी में नहीं हो सकता है। ऐसे में इन विधायकों को अयोग्य घोषित कर देना चाहिए।

कांग्रेस नेता की मांग को दरकिनार करते हुए स्पीकर श्रीनिवास रेड्डी ने शुक्रवार को विधायकों के टीआरएस में विलय को मंजूरी दे दी। इसके बाद शनिवार को हैदराबाद के धरना चौक पर कांग्रेस कार्यकर्ता राज्यपाल के फैसले के विरोध में 36 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।

केसीआर पर लगे आरोप
गौरतलब है कि राज्य में कांग्रेस के 18 विधायक थे। इनमें से 12 विधायकों के समूह ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंप टीआरएस में विलय को मंजूरी देने की मांग की थी। गुरुवार को राज्यपाल ने विलय को मंजूरी दे दी। इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इसकी निंदा करते हुए तेलंगाना के सीएम केसीआर पर आरोप लगाया कि वह विधायकों की खरीद-फरोख्त की नीति को फॉलो कर रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने भी सीएम पर हमला बोलते हुए कहा था कि केसीआर ठेकेदारों से गलत तरीके से लिए गए पैसों से विधायकों खरीदते हैं।

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