झांसी एनकाउंटर में मारे गए पुष्पेंद्र की दादी की मौत, सदमे में तोड़ा दम

 
झांसी 
उत्तर प्रदेश के झांसी में कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे गए करगुवां गांव के पुष्पेंद्र यादव की 90 साल की दादी की रविवार तड़के मौत हो गई, परिवारवालों का कहना है कि सदमे के कारण उनकी जान गई है. एक ही हफ्ते में एक ही घर से दो लोगों की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

आईएएनएस के मुताबिक पुष्पेंद्र यादव के बहनोई राजू यादव ने बताया कि 5 अक्टूबर की देर रात पुष्पेंद्र के कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद उनकी 90 साल की दादी ने खाना-पीना छोड़ दिया था और रविवार तड़के घर पर ही उनका निधन हो गया.

गांव में शोक की लहर
राजू यादव ने बताया कि दादी के निधन से एक बार फिर गांव में शोक की लहर है और करीब 200 लोग उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मौजूद हैं. बता दें कि पिछले रविवार को मोंठ थाना पुलिस ने पुष्पेंद्र यादव को मुठभेड़ में मार गिराया था. थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह चौहान ने आरोप लगाया था कि पुष्पेंद्र ने शनिवार की रात कथित रूप से उन पर हमला किया था और उनकी कार लूटकर फरार हो गया था.

पुष्पेंद्र ने की थी फायरिंग: पुलिस
पुलिस का कहना था कि गुरसराय इलाके में पुलिस की टीम को देखकर पुष्पेंद्र ने फायरिंग की. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से पुष्पेंद्र घायल हो गया. घायल होने के बाद पुलिस पुष्पेंद्र को जिला अस्पताल ले गई जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

योगी सरकार पर वार
पुष्पेंद्र की हत्या के बाद पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. झांसी के थाना गुरसराय क्षेत्र में हुए विवादस्पद एनकाउंटर के मामले में पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए, क्योंकि शासन-प्रशासन पर भरोसा नहीं है.

वहीं, पुष्पेंद्र यादव के परिजनों ने भी यूपी पुलिस पर आत्महत्या का आरोप लगाया था. इस मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी योगी राज को जंगलराज बताया.

कौन था पुष्पेंद्र यादव?
झांसी पुलिस के हाथों मारा गया पुष्पेंद्र यादव झांसी के करगुआं गांव का रहने वाला था. उसके पिता सीआईएसएफ में थे. पिता की आंखों की रोशनी चले जाने के बाद पुष्पेंद्र के बड़े भाई रवींद्र को उनकी जगह नौकरी मिल गई थी, जबकि पुष्पेंद्र का एक और भाई दिल्ली मेट्रो में नौकरी करता है. घरवालों के मुताबिक पुष्पेंद्र के पास दो ट्रक थे, जिनसे वो बालू और गिट्टी की ढुलाई करता था.

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