ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने बसपा की रही बड़ी भूमिका!
भोपाल
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को बसपा भले रही समर्थन दे रही है लेकिन लोकसभा चुनाव में गुना से कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने में बसपा ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई. हुआ यह कि गुना से बसपा के उम्मीदवार लोकेंद्र सिंह धाकड़ ने कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य के प्रति वफादारी दिखाने के लिए 29 अप्रैल को बसपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ले ली. इस तरह से गुना के बसपा प्रत्याशी धाकड़ ने सिंधिया के लिए वोट मांगना शुरू कर दिया. यह बात तब की है जब छठे चरण में उम्मीदवारों का नाम वापस लेने की अंतिम तिथि निकल चुकी थी.
बसपा सुप्रीमो मायावती को यह बात बहुत बुरी लगी. उन्होंने मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार को अपनी पार्टी के समर्थन पर पुनर्विचार करने की धमकी तक दे दी. मायावती का आरोप था कांग्रेस ने सत्ता तंत्र का दुरुपयोग कर और बसपा के आधिकारिक उम्मीदवार को नाम वापस लेने के लिए मजबूर किया.
बसपा ने इसका बदला लेने का मन बनाया. नाम वापस लेने का समय निकल चुका था इसलिए धाकड़ आधिकारिक रूप से चुनाव मैदान से नहीं हट सकते थे. इस स्थिति का लाभ उठाते हुए बसपा ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपना अभियान जारी रखा कि बसपा को अधिक वोट प्राप्त मिले और ज्योतिरादित्य सिंधिया की जीत की संभावना पूरी तरह से बिगाड़ दे.
बसपा ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपनी पार्टी के लिए वोट मांगना जारी रखा. चूंकि धाकड़ बसपा के आधिकारिक उम्मीदवार बने रहे, ईवीएम में उनका नाम और पार्टी का सिंबल था. जब वोटों की गिनती की हुई तो धाकड़ को 37,530 वोट मिले. सिंधिया 1,25,549 मतों से भाजपा के कृष्ण पाल सिंह से चुनाव हार गए.