जेट का संकट बढ़ा, खड़े हुए 4 विमान, कई उड़ानें रद्द

 नई दिल्ली 
वित्तीय संकट से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। हालात यहां तक पहुंच चुके हैं कि बकाया भुगतान न करने के कारण जेट के लेसर्स (पट्टे पर विमान देने वाले) ने विमानों को खड़ा करना शुरू कर दिया है, जिसके कारण उड़ानें रद्द करनी पड़ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, सोमवार रात कथित तौर पर देशभर के हवाईअड्डों पर लगभग चार से पांच विमानें खड़ी हो गईं, जिसके कारण लगभग 20 उड़ानों को रद्द करना पड़ा।  

सोमवार रात दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू तथा चेन्नई हवाईअड्डों पर बोईंग 737 विमान खड़े हो गए। एक सूत्र ने बताया, 'इन सभी जगहों पर एक-एक विमान खड़े हो गए। लेसर्स द्वारा विमानों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने से एक और विमान काफी वक्त से खड़ा है।' 

जेट एयरवेज भुगतान के मुद्दे पर विभिन्न कंपनियों से बातचीत कर रही है, लेकिन कुछ लेसर्स ने अब डिफॉल्ट के कारण विमानों को खड़ा करना शुरू कर दिया है। 

जेट एयरवेज की वेबसाइट के मुताबिक, उसके बेड़े में 123 विमान हैं। लेसर्स और मेंटनेंस कंपनियों का बकाया बढ़ने और कल-पुर्जे खरीदने के लिए नकदी की किल्लत के कारण इनमें से कई विमान खड़े हो गए हैं। एयरलाइन ने हालांकि अभी यह नहीं बताया है कि उसके कितने विमान परिचालन में हैं। 

सूत्रों का कहना है कि अगर बकाये का भुगतान नहीं किया गया, तो हालात और बदतर हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि कंपनी में फिलहाल 24 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाली एतिहाद एयरवेज जेट में पूंजी निवेश और अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने जा रही है। 

जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले बैंक 8,200 करोड़ रुपये के कर्ज के एक हिस्से को इक्विटी में तब्दील कर सकते हैं और कुछ नए शेयर खरीद सकते हैं। 

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