जून तिमाही में तस्करी का 1200 किलो सोना जब्त

नई दिल्ली

हाल के महीनों में देश में गोल्ड की तस्करी बढ़ी है और इसको रोकने को लेकर काफी सख्त कदम भी उठाए जा रहे हैं. इन सख्त प्रयासों का ही नतीजा है कि भारतीय कस्टम अधिकारियों ने अप्रैल से जून की तिमाही में 1197.7 किग्रा तस्करी का सोना जब्त किया है. यह पिछले साल के इसी अवधि के मुकाबले 23.2 फीसदी ज्यादा है.

भारत गोल्ड का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई में पेश बजट में सोने पर आयात कर 10 से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसकी वजह से तस्करों को अब ज्यादा फायदा हो रहा है. आयात कर में इस बढ़त की वजह से मध्य-पूर्व के देशों से भारत में तस्करी बढ़ी है. यही नहीं, इस तस्करी की वजह से विदेशी मुद्रा का अवैध लेन-देन भी बढ़ा है.

गौरतलब है कि साल 2013 में भारत सरकार ने गोल्ड पर आयात कर बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया था ताकि मांग पर अंकुश लग सके. देश के बढ़ते चालू खाते के घाटे की वजह से ऐसा करना जरूरी था, क्योंकि ज्यादातर सोना आयात किया जाता है. इसके बाद साल 2017 में गोल्ड पर 3 फीसदी का सेल्स टैक्स लगा दिया गया. इन सबकी वजह से तस्करों को भारत में अच्छा अवसर दिखने लगा जो टैक्स बचाने के लिए चोरी से यहां सोना लाकर बेच देते हैं.

एक साल में 4058 किलो सोना जब्त

31 मार्च को खत्म पिछले वित्त वर्ष में कस्टम अधिकारियों ने 4,058 किलो सोना जब्त किया था और उसके भी पिछले वित्त वर्ष यानी 2017-18 में 3,223.3 किग्रा सोना जब्त किया गया था. इस तरह तस्करी करने वाले करीब सोने की कीमत पर करीब 15.5 फीसदी लगने वाला टैक्स बचा लेते हैं और उनका सोना काफी सस्ता पड़ता है.

वर्ल्ड गोल्ड कौंसिल के एक अनुमान के अनुसार साल 2018 में भारत में करीब 95 टन सोना तस्करी से लाया गया. हालांकि कुछ जानकार तो यहां तक मानते हैं कि वास्तव में सोने की तस्करी की मात्रा इससे कहीं दोगुना ज्यादा है. सोने को तस्कर भारत में आमतौर पर किलो बार में लाते हैं जिसे यहां गलाकर ज्वैलरी या सिक्कों और छोटे बार में बदल दिया जाता है.

जानकारों का मानना है कि जब तक टैक्स कम नहीं होता तस्करों के लिए भारत में गोल्ड की तस्करी एक आकर्षक कारोबार बनी रहेगी. गौरतलब है कि फिलहाल सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम 40 हजार रुपये के आसपास चल रही है. 

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