‘जीएसटी दरों में कटौती से 1 लाख करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान’
नई दिल्ली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ढांचे के तहत जिन सामान को कम कर ढांचे में डाला गया है, उससे सरकार को करीब 1 लाख करोड़ रुपये कम राजस्व मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में मध्य वर्ग को विभिन्न तरह के कर लाभ दिए गए हैं, जिससे सरकार को 97,000 करोड़ रुपये राजस्व गंवाना पड़ा है।
जेटली ने अपने हाल के ब्लॉग में यह आंकड़े दिए हैं। उन्होंने लिखा है, 'जीएसटी भारत में एक बड़ा महत्त्वपूर्ण उपभोक्ता के अनुकूल कदम है। ज्यादातर जिंसों के दाम नीचे लाए गए हैं। जिंस सस्ते हुए हैं, भले ही उसके लिए राजस्व गंवाना पड़ा है। और अब दरों में बदलाव के बाद यह नुकसान करीब 1 लाख करोड़ रुपये हो सकता है।'
जीएसटी परिषद की दिसंबर में हुई बैठक में 1216 जिंसों के कर में कटौती की गई थी, जिनमें से 182 पर शून्य कर, 308 को 5 प्रतिशत, 178 को 12 प्रतिशत और 517 को 18 प्रतिशत कर के ढांचे में डाला गया था। सिर्फ 23 वस्तुएं अब सबसे ज्यादा 28 प्रतिशत कर ढांचे में रह गई हैं, जिनमें तंबाकू उत्पाद, लग्जरी वाहन, शीरा, एयर कंडिशनर, एरेटेड वाटर, बड़े टीवी, डिश वाशर, सीमेंट और ऑटो पार्ट शामिल हैं।
जेटली ने कहा, 'भले ही कर का ढांचा 2.5 लाख रुपये है, लेकिन जो 3 लाख रुपये तक कमाते हैं, उन्हें कर नहीं देना पड़ता है। सभी कर्मचारियों को 40,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक् शन दिया गया है। इसी तरह से हाउसिंग, बीमा और अन्य बचत योजनाओं पर पर छूट बढ़ा दी गई है। इसका खजाने पर सालाना 97,000 करोड़ रुपये बोझ पड़ा