जिला न्यायाधीश को कोरोना वायरस संक्रमण दिल्ली की रोहिणी कोर्ट के
नई दिल्ली
रोहिणी जिला अदालत के जिला न्यायाधीश मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमित मिले हैं। बार असोसिएशन के अध्यक्ष ने यह जानकारी दी। रोहिणी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार असोसिएशन के अध्यक्ष महावीर शर्मा ने बताया कि जिला न्यायाधीश आर पी पांडे की पत्नी में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उन्होंने बताया कि दोनों पृथक-वास में हैं और घर पर ही उनका इलाज चल रहा है। शर्मा ने बताया कि न्यायाधीश शनिवार को अदालत परिसर गए थे। उन्होंने बताया कि जिला न्यायाधीश के संपर्क में आए चार न्यायाधीशों ने भी अपनी जांच कराई है जिनमें से दो की रिपोर्ट ठीक आई हैं वहीं दो की रिपोर्ट आने का इंतजार है। दिल्ली की रोहिणी कोर्ट के जिला न्यायाधीश को कोरोना वायरस संक्रमणशर्मा ने बताया कि न्यायाधीशों के अलावा जिला न्यायाधीश के अदालत के कर्मचारियों ने भी कोरोना वायरस संक्रमण की जांच कराई और इनकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।
हालांकि देश में कोरोना की मारक क्षमता में कमी आई है। अब 90 फीसदी से अधिक मरीज हल्के लक्षण वाले सामने आ रहे हैं। यह कहना है एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का। उनके मुताबिक, शुरू में जो वायरस था वह गंभीर लक्षण वाला था। उससे प्रभावित लोगों को आइसोलेशन में रखा गया इसलिए वह ज्यादा नहीं फैला। एम्स निदेशक ने 'हिन्दुस्तान' से विशेष बातचीत में कहा कि 12 से 13 शहरों में 80% से अधिक मामले हैं। यदि हमने हॉटस्पॉट नियंत्रित कर लिए तो पीक दो से तीन हफ्ते में आ जाएगा। केस कम हों और दोगुना होने में ज्यादा वक्त लगेगा तो पीक जल्द आएगा।
उन्होंने कहा कि देश में आईसीयू,वेंटिलेटर वाले मरीज कम हैं। भारतीयों में प्रतिरोधक क्षमता अधिक है, क्योंकि यहां बीसीजी वैक्सीन लगी है। डॉ. गुलेरिया ने कहा, 'हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और रेमडिसवीर दवाओं पर ट्रायल चल रहे हैं। रेमडिसवीर से रोगियों का अस्पताल में रुकने का समय कम होता है, लेकिन गंभीर मरीजों में मृत्यु दर कम होती हो ऐसा नहीं है। हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन हल्के लक्षण वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिए लाभदायक रही है। एम्स में अभी ओपीडी और सर्जरी शुरू होने में समय लग सकता है।'