जापान रद्द कर सकता है शी जिनपिंग का दौरा

तोक्‍यो
चीन की विस्‍तारवादी नीतियों का शिकार बन रहा जापान चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग की करीब 12 साल बाद हो रही तोक्‍यो की आधिकारिक यात्रा को रद्द कर सकता है। यह राजकीय यात्रा इससे पहले अप्रैल में होनी थी लेकिन कोरोना वायरस को देखते हुए इसे स्‍थगित कर दिया गया था। अब शी जिनपिंग की यात्रा को लेकर जापान में सत्‍तारूढ़ लिबरल डेमोक्रैट‍िक पार्टी के अंदर ही भारी विरोध हो रहा है।

दोनों देशों के बीच पिछले कुछ समय से तनाव है लेकिन ताजा घटना में पार्टी के सांसदों ने औपचारिक रूप से अनुरोध किया है कि हॉन्‍ग कॉन्‍ग में राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने को देखते हुए शी जापान यात्रा को रद्द किया जाए। जापान के सांसद हॉन्‍ग कॉन्‍ग में चीन की कार्रवाई से बेहद नाराज हैं। उन्‍हें यह डर सता रहा है कि इस कानून से हॉन्‍ग कॉन्‍ग में काम कर रहे जापानी लोगों के अध‍िकारों का उल्‍लंघन होगा।

जापान ने आरोप लगाया है कि चीन कोरोना वायरस महामारी का इस्‍तेमाल आक्रामक कूटनीति को आगे बढ़ाने के लिए कर रहा है। साथ हॉन्‍ग कॉन्‍ग पर अपनी पकड़ को मजबूत कर लिया है जो दुनिया का वित्‍तीय केंद्र है और जापान के हित भी जुड़े हुए हैं। हॉन्‍ग कॉन्‍ग में जापान की 1400 कंपनियां काम कर रही हैं। हॉन्‍ग कॉन्‍ग जापान के कृषि उत्‍पादों का सबसे बड़ा आयातक है।

जापान का बिजनस समुदाय चीन के इस नए कानून से काफी चिंतित है। जापान ने हॉन्‍ग कॉन्‍ग में उठाए कदमों पर चीन की कड़ी आलोचना की है। जापान ने कहा कि यह हॉन्‍ग कॉन्‍ग की स्‍वतंत्रता को कमजोर करता है। जबकि वर्ष 1997 में चीन ने 50 साल तक हॉन्‍ग कॉन्‍ग को पूर्ण स्‍वायत्‍तता देने का ब्रिटेन से वादा किया था। यही नहीं हाल के दिनों में जापान और चीन के बीच सेनकाकू द्वीप समूहों को लेकर भी टकराव बढ़ता जा रहा है। चीन के जंगी जहाज लगातार जापानी इलाके में प्रवेश कर रहे हैं। इससे जापान काफी नाराज है।

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