जानिए, क्यों खास है तीन तलाक बिल, क्या मुस्लिम महिलाओं को मिलेगा हक?

 
नई दिल्ली   
 
तीन तलाक बिल आखिरकार संसद के दोनों सदनों से पास हो गया और अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा. मोदी सरकार अपने पिछले कार्यकाल में तीन तलाक बिल को संसद से पास कराने की जुगत में थी, लेकिन राज्यसभा में अल्पमत होने के कारण अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सकी. हालांकि इस बार भी सरकार राज्यसभा में अल्पमत में थी, लेकिन सरकार इस बार बिल को पास कराने में कामयाब रही.

राज्यसभा में मंगलवार दोपहर 12 बजे के करीब कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल पेश करते हुए कहा कि आज का दिन सदन के लिए ऐतिहासिक है. उन्होंने आगे कहा कि 20 से ज्यादा इस्लामिक देशों ने तीन तलाक प्रथा को बैन कर दिया है और अब भारत जैसे देश में भी यह लागू नहीं रह सकता. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे असंवैधानिक करार दिया है.

बिल पर विपक्ष ने उठाए सवाल
सरकार की ओर से पेश तीन तलाक बिल पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मुस्लिम परिवारों को तोड़ना इस बिल का असल मकसद हैं. सरकार मुस्लिम महिलाओं के नाम मुसलमानों को निशाना बना रही है. न रहे बांस, न बजेगी बांसुरी. उन्होंने आगे कहा कि अब इस बिल के जरिए सरकार घर के चिराग से ही घर में आग लगाना चाहती है. घर भी जल जाएगा और किसी को आपत्ति भी नहीं होगी. दो समुदायों की लड़ाई में केस बनता है, लेकिन बिजली के शॉर्ट में किसी के जलने पर कोई केस नहीं बनता.

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस्लाम में शादी सिविल अनुबंध है और आप उसे क्रिमिनल शक्ल दे रहे हैं. पुलिस के पास अब वारंट के बैगर जेल में डालने का हक मिल रहा है. साथ ही तीन साल की सजा, भत्ता और बच्चों-बीवी का ख्याल रखने का प्रावधान भी आपने बिल में डाल दिया है. अगर किसी पति को सजा होती है तो क्या महिलाओं को सरकार अपनी तरफ से पैसा देगी.

खैर, अब बिल पास हो चुका है और कुछ दिनों में राष्ट्रपति की ओर से हस्ताक्षर किए जाने के बाद यह कानून बन जाएगा. एक नजर डालते हैं कि तीन तलाक बिल की 5 खास बातों पर जिस कारण आलोचना करने वाले इसकी आलोचना कर रहे हैं तो समर्थन करने वाले इसी के सहारे मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में सुधार का दावा कर रहे हैं.

तीन तलाक की 5 प्रमुख बातें

1. तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को पूरी तरह से गैर-कानूनी बना दिया

2. शिकायत पर पुलिस बिना वारंट के ही आरोपी पति को गिरफ्तार कर सकती है

3. तीन तलाक केस अगर अदालत में साबित हो गया तो पति को 3 साल की जेल मिलेगी

4. मजिस्ट्रेट अब महिला का पक्ष सुने बिना उसके पति को जमानत नहीं दे सकेंगे

5.  पीड़ित महिला पति गुजारा भत्ते का दावा कर सकती है

संसद के दोनों सदनों में बिल पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ऐतिहासिक करार दिया. साथ ही अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने भी मुस्लिम महिलाओं के लिए नए युग की शुरुआत के तौर पर माना और सदन के सदस्यों को धन्यवाद दिया.

फिलहाल अब तीन तलाक बिल पास हो गया है और इससे जुड़े प्रावधान काफी कड़े हैं, लेकिन देखना होगा कि इससे क्या वाकई में मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में सुधार आती है और उन्हें उनके समाज में बराबरी का हक मिलेगी. अब जब यह नियम बन जाएगा तो नजर इस पर होगी कि वाकई में इस स्थिति में बदलाव आ रहा है.

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