जांच के आदेश, डॉक्टर ने महिला को बताया ऐसी बीमारी, सुनकर सदमे से हुई मौत

शिमला 
हिमाचल प्रदेश में एक महिला को एक निजी क्लिनिक द्वारा गलत तरीके से एचआईवी पॉजिटिव करार दिये जाने के बाद सदमे के कारण हुई उसकी मौत के सिलसिले में प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बुधवार को कहा कि मामले की जांच करायी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने राज्य विधानसभा को बताया कि स्वास्थ्य सेवा निदेशक को मामले की जांच करने और एक पखवाड़े में इसकी रिपोर्ट सौंपने के लिए लिए कहा जाएगा । रोहडू के कांग्रेस विधायक मोहन लाल ब्राकटा ने मामले को विधानसभा में उठाया था।

मुख्यमंत्री ने कहा, ''मामला बहुत संवेदनशील है । जांच रिपोर्ट मिलने के बाद निजी क्लिनिक के खिलाफ गलत एचआईवी पॉजिटिव रिपोर्ट तैयार करने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी । नियमों के अनुसार मरने वाले के परिजनों को मुआजवा भी दिया जाएगा। विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए ब्राकटा ने शिमला जिले के रोहड़ू अनुमंडल में स्थित उस निजी क्लिनिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी ।

कांग्रेस नेता ने 22 साल की महिला के परिजन को पर्याप्त मुआवजा देने की भी मांग की । विधायक ने कहा कि शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज अस्पताल में मंगलवार को महिला की मौत हुई है। जब उसे पता चला कि वह ''एचआईवी पॉजिटिव है तो उसे गहरा मानसिक एवं भावनात्मक आघात लगा था ।

 ब्राकटा ने कहा कि महिला जांच के लिए निजी क्लिनिक में गयी थी। वहां उसकी जांच की गयी और उसे सामग्री के बारे में बताए बिना रिपोर्ट सौंप दी गयी। कांग्रेस नेता ने कहा कि बाद में वह इलाज के लिए स्थानीय कमला नेहरू अस्पताल गयी। वहां उसके पति को निजी क्लिनिक की रिपोर्ट की जानकारी दी गयी ।

जब महिला को पता चला कि निजी क्लिनिक की रिपोर्ट में उसे एचआईवी पॉजिटिव करार दिया गया है तो वह कोमा में चली गयी। इसके बाद उसे इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गयी। सरकारी अस्पताल में कराये गये जांच में पता चला है कि महिला एचआईवी पॉजिटिव नहीं थी । 

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