जर्मनी के एयरलाइन समूह ने सरकार से मांगी विमान चलाने की इजाजत

नई दिल्‍ली

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच जर्मनी के एयरलाइन समूह लुफ्तांजा ने भारत में उड़ान सेवाएं बहाल करने की अनुमति मांगी है. न्‍यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक लुफ्तांजा समूह ने भारत में खाली विमानों को उड़ाने और यात्रियों को केवल यूरोप के गंतव्यों के लिए उड़ान भरने की पेशकश की है. इसका मतलब ये हुआ कि एयरलाइन के खाली विमान भारत आएंगे और यहां से केवल यूरोप जाने वाली उड़ानों से यात्रियों को गंतव्य स्थान पर पहुंचाएंगे.

एक सीनियर अधिकारी ने कहा, "लुफ्तांजा समूह (जो लुफ्तांजा, SWISS, आदि जैसे एयरलाइन ब्रांडों का संचालन करता है) ने भारत सरकार के सामने इस तरह की पेशकश की है. इस मामले पर अभी निर्णय नहीं लिया गया है." आपको बता दें कि 23 मार्च से इंटरनेशनल उड़ान सेवाएं बंद हैं. वहीं, 25 मई से घरेलू उड़ान सेवाएं शुरू की जा चुकी हैं. हालांकि, कोरोना वायरस को ध्‍यान में रखकर इन उड़ान सेवाओं के लिए कुछ जरूरी शर्तें भी लागू की गई हैं.

NRI कर रहे हैं मांग

इस वजह से भारत में फंसे कई अप्रवासी (NRI) इंटरनेशनल उड़ान सेवाओं को बहाल करने की मांग कर रहे हैं. बीते 7 मई से भारत सरकार वंदे भारत मिशन के तह‍त विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस ला रही है. ये मिशन एयर इंडिया समूह द्वारा संचालित उड़ानों के जरिए पूरी की जा रही है. एयर इंडिया समूह अपनी आउटबाउंड उड़ानों (अन्य देश को जाने वाला) पर भी बुकिंग ले रहा है. हालांकि, कुछ गंतव्य के लिए डिमांड बहुत ज्‍यादा है.

बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले

लुफ्तांजा समूह की ओर से ये अनुमति ऐसे समय में मांगी गई है जब भारत में कोरोना मरीजों की संख्‍या हर दिन अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ रही है. खासतौर पर देश के दो बड़े महानगर दिल्‍ली और मुंबई में हालात बेकाबू होने लगे हैं. अहम बात ये है कि देश की अधिकतर इंटरनेशनल उड़ान सेवाएं इन्‍हीं दोनों शहरों के एयरपोर्ट से संचालित होती हैं.

सरकार का क्‍या कहना है?

हाल ही में नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने ट्विटर पर बताया कि जैसे ही देशों द्वारा विदेशी नागरिकों को अपने यहां प्रवेश देने के नियमों में ढील दी जाएगी, नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ान को बहाल करने के बारे में फैसला किया जाएगा. गंतव्य देशों को आने वाली उड़ानों को मंजूरी देने के लिए तैयार होना चाहिए.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *