जम्मू-कश्मीर में IED से हमले ने सुरक्षाबलों की परेशानी बढ़ाई

नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर में इस साल अभी तक गाड़ियों में आईईडी रखकर तीन हमले हो चुके हैं, जिसने सुरक्षाबलों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इसे राज्य में मौजूद सुरक्षाबलों के लिए बड़े खतरे के रूप में देखा जा रहा है। ताजा आईईडी हमला सोमवार को शोपियां में हुआ, जब 44 राष्ट्रीय राइफल्स का बख्तरबंद काफिला गुजरते समय सड़क किनारे खड़ी एक गाड़ी में विस्फोट हो गया। इस हमले में ड्राइवर केबिन में बैठे दो जवान शहीद हो गए, जबकि कुछ अन्य को मामूली चोटें आईं। इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक त्राल में भी एक ऐसे ही हमले की योजना बनाई गई थी। सुरक्षाबलों को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है।

44 राष्ट्रीय राइफल्स ने पिछले साल एक अभियान चलाकर कई हिज्बुल मुजाहिदीन के समीर टाइगर और सद्दाम समेत कई कमांडरों को ढेर किया है, जिसके बाद से ही वह आतंकियों के मुख्य निशाने पर बनी हुई है। मई 2018 में भी यूनिट के एक काफिले को आईईटी हमले का निशाना बनाया गया था, जबकि उस वक्त रमजान होने की वजह से घाटी में संघर्षविराम था।

सूत्रों ने बताया कि पिछले साल 8 आईईडी हमले हुए और लोकल इंटेलिजेंस से लगातार बम बनाने से जुड़ी गतिविधियों के बारे में खबरें मिल रही हैं। कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर नजर रखने वाले एक अधिकारी ने बताया, 'पिछले साल आईईडी हमला प्रभावी नहीं था। कई में विस्फोट नहीं हुआ तो कई में विस्फोटकों की क्षमता कम थी। हालांकि, अब आतंकी संगठन ज्यादा क्षमता वाली डिवाइस जुटाने में सफल हो गए हैं।'

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