जम्मू-कश्मीर के धर्मस्थलों को टारगेट करो, फिर आतंकियों को पाक ने दिया हुक्म

 नई दिल्ली 
पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी, इंटर सर्विसिस इंटेलिजेंस ने आतंकी संगठनों को निर्देश दिया है कि वे जम्मू एवं कश्मीर में प्रमुख धर्मस्थलों को निशाना बनाएं। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बुधवार को कहा कि पता चला है कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई नवगठित केंद्र शासित प्रदेश का माहौल बिगाड़ना चाहती है।

केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्क्रिय किए जाने के बाद से इस राज्य में प्रतिबंध लागू हैं। यह जानकारी तब सामने आई है, जब शीर्ष सूत्रों ने पाकिस्तान और जम्मू एवं कश्मीर के बीच पकड़ी गई खुफिया जानकारी पर आधारित विवरण साझा किए।

वहीं दूसरी ओर, भारत के साथ तनाव के बीच पाकिस्तानी सेना ने बुधवार (4 सितंबर) को स्पष्ट किया कि परमाणु हथियारों को लेकर वह ''पहले इस्तेमाल नहीं करने" की किसी नीति का पालन नहीं करती। सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर से एक संवाददाता सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पिछले महीने उस बयान के बारे में सवाल किया गया था जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत की परमाणु हथियार नीति में बड़ा बदलाव हो सकता है जिसके तहत भविष्य में 'पहले इस्तेमाल नहीं करने की नीति छोड़ी जा सकती है।

उन्होंने कहा, ''हमारे पास 'पहले इस्तेमाल नहीं करने' की कोई नीति नहीं है…हमारे हथियार प्रतिरोध के लिए हैं। जहां तक भारत का सवाल है तो कोई नीति तैयार करना उन पर है।" गफूर की यह टिप्पणी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की उस टिप्पणी के कुछ दिन बाद आयी है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनका देश भारत के साथ कभी कोई युद्ध शुरू नहीं करेगा। खान की यह टिप्पणी ऐसे समय आयी थी जब कश्मीर मुद्दे को लेकर दो परमाणु शक्तियों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है।

गफूर ने कहा कि पहले हमले के बाद दूसरा हमला हो सकता है। प्रवक्ता ने कहा, ''परमाणु देशों के बीच युद्ध की कोई गुंजाइश नहीं होती।" भारत द्वारा गत पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर खंडों को समाप्त करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के निर्णय के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है।

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