जन्म लेते ही उठा मां का साया, न्यायाधीश ने स्तनपान कराकर नवजात को लिया गोद

 
अहमदाबाद 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में एक जिला विकास अधिकारी और उनकी न्यायाधीश पत्नी ने बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान को साकार करते हुए दुनिया के सामने मिसाल पेश की है. गुजरात के आणंद के जिला विकास अधिकारी अमित प्रकाश यादव और उनकी न्यायाधीश पत्नी चित्रा ने दुनिया में आंख खोलते ही मां का साया खोने वाली नवजात बच्ची को गोद लिया है. दोनों ने नवजात के उज्ज्वल भविष्य की जिम्मेदारी उठाने का फैसला मिलकर किया.

दरअसल, आणंद के पास स्थित वासद गांव के आरोग्य केंद्र अस्पताल में एक महिला ने अपनी तीसरी बेटी को जन्म देने के बाद दम तोड़ दिया था. नवजात अपनी मां का स्तनपान भी नहीं कर पाई थी. बच्ची की मां की मौत के बाद बच्ची के पिता दुखी थे. उनको इस बात की चिंता सताने लगी कि दो बेटी पहले से हैं और अब तीसरी बेटी का पालन-पोषण कैसे होगा? वो अपनी नवजात बच्ची के भविष्य को लेकर चिंतित थे.

वहीं, जब इस घटना की जानकारी आणंद के जिला विकास अधिकारी अमित प्रकाश यादव को मिली, तो वो फौरन अस्पताल पहुंच गए. वहां उन्होंने जब पूरी घटना को जाना और नवजात बच्ची को देखा, तो उनका दिल पसीज गया. अमित प्रकाश यादव ने इस घटना की पूरी जानकारी अपनी पत्नी चित्रा को दी. इसके बाद दोनों फिर अस्पताल पहुंचे, जहां चित्रा ने बच्ची को स्तनपान कराया.

इसके बाद नवजात के परिवार की हालत को देखते हुए अमित प्रकाश यादव और उनकी पत्नी चित्रा ने बच्ची को अपनाने का फैसला ले लिया. इसके बाद बच्ची के पिता और परिवार की सहमति से दोनों ने नवजात को गोद ले लिया. बच्ची का जन्म मही नदी के किनारे स्थित वासद गांव के अस्पताल में हुआ था, जिसके चलते बच्ची का नाम 'माही' रखा दिया. अमित प्रकाश यादव और चित्रा का डेढ़ साल का बेटा भी है.

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