जनगणना 2021: धर्म के साथ-साथ पंथ भी बताना होगा? पहुंचा प्रस्ताव

 
नई दिल्ली 

अगर एक दिन किसी सरकारी दफ्तर से कोई आए और पूछने लगे अपना पंथ बताओ। आप कबीर पंथी हैं, मध्यमार्गी हैं या फिर हिनायान के अनुयायी? या फिर अहमदिया या कुका को मानते हो? ऐसे में आपका कन्फ्यूज हो जाना स्वाभाविक है। ये सब हिंदू, ईसाई, बौद्ध, इस्लाम और सिख धर्म के पंथ या फिर उप धर्म हैं। आप इनके बारे में भले ही न जानते हों लेकिन 2021 की जनगणना में आपसे इनके बारे में पूछा जा सकता है। 

जनगणना करनेवाले विभाग के पास ऐसा प्रस्ताव पहुंचा है। इसके मुताबिक, जनगणना के दौरान मुख्य छह धर्मों (हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, जैन और बौद्ध) के साथ-साथ पंथ या फिर उप धर्म भी पूछे जाने की बात कही है। फिलहाल यह प्रस्ताव रजिस्ट्रार जनरल ऐंड सेंसस कमिश्नर, इंडिया (RGI) के दफ्तर में है। अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो भारत की जनगणना में मुख्य छह धर्मों के साथ-साथ उनकी करीब 49 उप श्रेणियों की भी जानकारी एकत्र की जाएगी। 

बता दें कि भारत की आखिरी जनगणना 2011 में हुई थी। यह प्रत्येक 10 सालों में होती है। अब इसे 2021-22 में किया जाना है। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत जनसंख्या के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर आता है। धर्म से जुड़ी जानकारी 2001 की जनगणना में पहली बार एकत्र की गई थी। 

किस धर्म में कितनी उप श्रेणियां, सबका अलग कोड 
प्रस्ताव के मुताबिक, हिंदू धर्म में कुल 23 उप श्रेणियां हैं। वहीं मुस्लिम में 5, ईसाई में 9, सिखों में 3, बौद्ध में 5 और जैनियों में 4 पंथ आदि हैं। इन सभी को प्रस्ताव में अलग-अलग कोड दिया गया है। अगर प्रस्ताव पास होता है तो सिर्फ यह पता नहीं चलेगा कि यहां कितने हिंदू या फिर कितने मुस्लिम हैं। बल्कि यह जानकारी भी मिलेगी कि इनमें से कितने आर्य समाजी, कितने शिया और कितने सुन्नी आदि हैं। 

इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलेगी या नहीं यह फिलहाल नहीं कहा जा सकता। क्योंकि विभाग के ही कुछ लोग मानते हैं कि धर्म हमेशा से संवेदनशील मामला रहा है और नया प्रस्ताव इसे और बढ़ा सकता है। 

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