जकांछ में मची सियासी भगदड़, कांग्रेस के साथ ही भाजपा ने भी खेला दांव

बिलासपुर
 विधानसभा चुनाव के बाद से ही जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ में सियासी भगदड़ की स्थिति बनी हुई है। पार्टी छोड़कर कांग्रेस में जाने वालों की लंबी कतार लगी हुई है। विधानसभा चुनाव बाद से जो सिलसिला चल पड़ा है वह थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। कांग्रेसी रणनीतिकारों के जवाब में भाजपा ने भी अब अपना दांव खेलना शुरू कर दिया है। जकांछ में तोड़फोड़ की कोशिशें और भी तेज हो गई हैं।

गुरुवार 18 अप्रैल को जकांछ में एक बार फिर तोड़फोड़ हुई। तखतपुर में भाजपाध्यक्ष अमित शाह की सभा थी। उनकी मौजूदगी में जकांछ के राजेश सोनी और अजय देवांगन के साथ बड़ी संख्या में जकांछ के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने भाजपा प्रवेश किया। अमित शाह ने केसरिया गमछा पहनाकर उनके प्रवेश की औपचारिक घोषणा की । विधानसभा चुनाव के बाद यह पहला अवसर है जब भाजपाई रणनीतिकारों ने जकांछ प्रमुख अजीत जोगी के घर में सेंध लगाई हो।

इसे संयोग ही कहा जाएगा कि जिस वक्त तखतपुर में जकांछ के कार्यकर्ता भाजपा में प्रवेश कर रहे थे उसी वक्त लिम्हा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में जोगी के बेहद करीबी व सिपहसालार अनिल टाह ने घर वापसी की । उनके अलावा दर्जनों कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस प्रवेश किया । विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जकांछ सुप्रीमो अजीत जोगी ने बसपा के साथ चुनावी गठबंधन कर सबको चौंका दिया था। कांग्रेेस के रणनीतिकारों को जोगी ने एक तरह से झटका दे दिया था।

तब ऐसा माना जा रहा था कि बसपा जकांछ के बीच गठबंधन के बाद तीसरी ताकत का जोर बढ़ेगा। प्रदेश की राजनीति में अहम भूमिका की संभावनाओं के चलते कांगे्रस से नाराज एक बड़ा धड़ा तब जकांछ में शामिल हो गया था। जकांछ का कुनबा विधानसभा चुनाव तक बढ़ता ही गया । तब इस बात की संभावना भी बनने लगी थी कि प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर होगा और चुनाव परिणाम के बाद जकांछ बसपा बड़ी भूमिका में नजर आने लगेगा।

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