छिन्दवाड़ा में हर्षोल्लास से मना भुजलिया उत्सव
प्राचीन परंपरा के अनुसार रक्षा बंधन पर्व के दूसरे दिन मनाया जाने वाला भुजरियों का त्यौहार नगर सहित संपूर्ण क्षेत्र में हर्षोल्लास से मनाया गया और नगर के मुख्य मार्ग से चल समारोह के रूप में इन्हें ले जाकर बड़ा तालाब में इनका विसर्जन विधि-विधान के साथ किया गया। सुबह से इस पर्व को लेकर उल्लास प्रारंभ हो गया था और भुजरियाओं को एक जगह एकत्रित कर पूरे परिवार के साथ बैठकर लोगों के द्वारा पूजा-अर्चना की गई। दोपहर में संपन्न हुए कार्यक्रम के बाद विधि विधान के साथ चल समारोह के शाम होते ही नगर में इस पर्व को लेकर कार्यक्रम का दौर प्रारंभ हो चुका था। संपूर्ण नगर वासियों के द्वारा एक दूसरे को भुजलिया देकर गले लगकर इस त्यौहार को मनाया। चल समारोह में विभिन्न झांकिया आकर्षण का केन्द्र बनी रही ।
भुजरियों का मेला महोबा के वीर योद्धा आल्हा और ऊदल के नाम के साथ सम्बद्ध है भुजरियों का मेला अत्यंत उत्सा्ह के साथ मनाया जाता है। सावन महीने के अंतिम दिवस हजारों की संख्या में नगरवासी तथा दुर-दराज के ग्रामों से पधारे हुए आये लोग इस मेंले में एक दूसरे को भुजरिया प्रदान कर मानते है।