छिंदवाड़ा-शंकरवन में आज से होगा सात दिवसीय मेला शुरू शिवलिंग के दर्शन को उमड़ते है भक्त
- संक्रांति पर्व
शंकरवन में आज से होगा सात दिवसीय मेला शुरू
शिवलिंग के दर्शन को उमड़ता है सैलासतीश डोंगरे, बिछुआ।
जनपद पंचायत बिछुआ बिछुआ की ग्राम पंचायत पानाथावड़ी के ग्राम कुरई में 7 जनवरी से प्रारंभ होकर 14 जनवरी मकर संक्रांति को दही लाही के समापन के साथ संपन्न होगी। मेला समिति द्वारा भागवत कथा का आयोजन किया जाता है। शंकरवन मेला समिति अध्यक्ष प्रीतम सिंह पटेल ने बताया कि सात दिन तक चलने वाले मेले में पंडित रामविशाल शुक्ल जी के द्वारा भागवत कथा की जाती है।
आस्था का प्रतीक है शंकरवन धाम-* सनातन काल से ही आस्था से भक्ति से प्रसाद और फल प्राप्त करने की मान्यता चली आ रही है। कुछ ऐसी ही मान्यता इस शंकरवन मेले से जुड़ी हुई है। यह मेला वर्ष 1967 में लगाना शुरू हुआ था। तब से आज तक यह विशाल मेला हर वर्ष एक सप्ताह के लिए भरता है।
क्या है मान्यता-इस विशाल शंकरवन मेले का श्रेय श्री जियालाल जी मिश्रा को जाता है। श्री मिश्रा का जन्म 16 जनवरी 1938 को ग्राम रहपुरा, जिला चित्रगुप्त उत्तर प्रदेश में हुआ था। बताया जाता है कि श्री मिश्रा उस समय घुड़ सवारी के शौकीन थे और घोड़े से ही सवारी करते थे। एक दिन घुड़सवारी करते हुए उन्हें नदी में स्वंय भू प्रकट हुआ एक शिव लिंग दिखा। जिसके संबंध में ग्रामवासियों से चर्चा कर उन्होंने ग्राम में इस शिवलिंग को मंदिर में स्थापित कर दिया। कहा जाता है कि तब से ही इस मंदिर में लोगों की काफी अधिक आस्था है। उस समय से ही यह मेला हर वर्ष विशाल और भव्य मेले का आयोजन किया जाता है।
विशाल क्षेत्र में लगता है मेला-* यह विशाल शंकरवन मेला 100 एकड़ भुमि में लगता है। छिंदवाड़ा जिले में प्रमुख और बिछुआ विकासखंड में यह धार्मिक मेला प्रथम स्थान पर लगता है। मेले में सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालुगण पहुंचते है साथ ही शिवलिंग की पूजा अर्चना कर कथा करवाते है। मेले के सातों दिन लगभग 30 से 35 कथाओं का वाचन होता है। साथ ही श्रद्धालुगण अपनी मन्नते पूरी होने पर विशाल भंडारे का भी आयोजन करते है।
सुरक्षा व्यवस्था भी चाक चौकंद-* शंकरवन का यह मेला इतना विशाल और भव्य होता है कि इसकी शोभा सात दिनों तक देखते ही बनती है। मेले की भव्यता और विशालता के चलते पुलिस व्यवस्था और स्वास्थ्य व्यवस्था भी काफी तकड़ी रहती है।
✍ सतीश डोंगरे, बिछुआ