छह अधिकारियों को सुपरसीड कर इकबाल सिंह बैंस बनाए गए मुख्य सचिव

भोपाल 
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की पहली गाज मुख्य सचिव एम. गोपाल रेड्डी पर गिरी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सत्ता संभालने के चंद घंटे बाद ही उन्हें हटाकर 1985 बैच के आईएएस अफसर इकबाल सिंह बैंस को मुख्य सचिव बना दिया। इसके लिए छह अफसरों को सुपरसीड किया गया। बैंस कमल नाथ सरकार में पूरे वक्त हाशिए पर रहे और उन्हें कुछ दिनों पहले मंत्रालय से पूरी तरह हटाकर ग्वालियर राजस्व मंडल कार्यालय में अध्यक्ष बनाकर पदस्थ कर दिया था। वे दोपहर में मंत्रालय पहुंचे और मुख्य सचिव पद का दायित्व संभाल लिया। शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही यह साफ हो गया था कि मुख्य सचिव एम. गोपाल रेड्डी की कुछ ही दिनों में विदाई हो जाएगी, लेकिन सरकार ने इसमें बिल्कुल भी वक्त नहीं गंवाया। इकबाल सिंह बैंस मुख्यमंत्री के बेहद भरोसेमंद अफसर माने जाते हैं। वे उनके साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव, प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव रह चुके हैं। जब वे जुलाई 2013 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर संयुक्त सचिव बनकर चले गए थे तो उन्हें सरकार बनने के बाद अगस्त 2014 में मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह करके वापस बुलाया और अपना प्रमुख सचिव बनाया था।

बैंस को मुख्य सचिव बनाने के लिए 1984 बैच के अधिकारी एपी श्रीवास्तव और पीसी मीना, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ जयदीप गोविंद, राधेश्याम जुलानिया, दीपक खांडेकर और 1985 बैच के अफसर प्रभांशु कमल को सुपर सीड किया गया। प्रभांशु कमल को रेड्डी के मुख्य सचिव बनने के बाद मंत्रालय से बाहर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) का अध्यक्ष बनाकर पदस्थ किया जा चुका है। 1982 बैच के अफसर सुधिरंजन मोहंती को पहले ही प्रशासन अकादमी का महानिदेशक बनाया जा चुका है। अब अपर मुख्य सचिव वन एपी श्रीवास्तव के लिए नई जगह तलाशनी होगी, क्योंकि वे बैंस से वरिष्ठ हैं। एम. गोपाल रेड्डी को भी राजस्व मंडल भेजे जाने की संभावना जताई जा रही है। वे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आने के बाद शिवराज सरकार में भी यहीं पदस्थ थे।

नए सिरे से होगी प्रशासनिक जमावट
मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री और इकबाल सिंह बैंस के मुख्य सचिव बनने के बाद अब प्रदेश में नए सिरे से प्रशासनिक जमावट होगी। इसमें मंत्रालय से लेकर मैदानी स्तर के अधिकारी प्रभावित होंगे। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण के बाद यह कवायद तेज होगी। मंत्रालय में अपर मुख्य सचिव से लेकर सचिव स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारियों में बदलाव किया जाएगा। मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव कार्यालय में भी बदलाव देखने को मिलेंगे।

सख्त प्रशासक और नवाचार प्रिय अफसर बैंस
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को सख्त प्रशासक माना जाता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में काम करके उन्होंने यह साबित भी किया है। वहीं, उनकी छवि नवाचार प्रिय अफसर की भी है। उन्होंने ही शिवराज सरकार में लोक सेवा गारंटी कानून को लागू करवाया था। देश में पहली बार आनंद विभाग का गठन भी उनकी ही पहल पर हुआ था। कृषि, उद्यानिकी, ऊर्जा, विमानन, आबकारी आयुक्त, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य जैसे विभागों में काम कर चुके हैं। सीहोर, खंडवा, गुना और भोपाल कलेक्टर भी रहे हैं।

महज आठ दिन मुख्य सचिव रहे रेड्डी
1985 बैच के आईएएस अफसर एम. गोपाल रेड्डी मात्र आठ दिन प्रदेश के मुख्य सचिव रहे। उन्होंने पांच मार्च को मुख्य सचिव बनाने के लिए मुख्य सचिव कार्यालय में विशेष कर्त्तव्यस्थ अधिकारी बनाया था। राजनीतिक घटनाक्रम के बीच एकाएक मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती को हटाकर उन्हें 16 मार्च को रात साढ़े नौ बजे मुख्य सचिव बनाने के आदेश हुए थे। उन्होंने लगभग रात दस बजे कार्यभार भी ग्रहण कर लिया था। रेड्डी की पदस्थापना के आदेश मंगलवार देर शाम तक जारी नहीं हुए।

किदवई को आयुक्त खाद्य सुरक्षा का अतिरिक्त प्रभार
मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई को मौजूदा जिम्मेदारियों के साथ आयुक्त खाद्य सुरक्षा और नियंत्रण खाद्य एवं औषधि प्रशासन का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वहीं, रवींद्र सिंह को इन जिम्मेदारियों से मुक्त करते हुए मंत्रालय में सचिव बनाया गया है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *