छत्तीसगढ़ में ग्रामीणों ने किया लॉकडाउन, गांव में बाहरी लोगों के आने पर बैन

मुंगेली/सुकमा/सरगुजा
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कोरोना वायरस (coronavirus) के संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है. पिछले 24 घंटे में 5 नए मरीज अलग-अलग शहरों से संक्रमित पाए गए. संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए शासन-प्रशासन की ओर से जहां लॉकडाउन (lockdown) के आदेश जारी किए गए हैं, वहीं आम लोग भी सतर्क हो गए हैं. इसी क्रम में जागरूकता के लिए विभिन्न जिलों के ग्रामीणों द्वारा अपने गांव की सीमाओं पर नाकाबंदी करने की खबरें आ रही हैं. गांव में बाहरी लोगों की इंट्री बैन कर दी गई है. मुंगेली, सुकमा और सरगुजा के विभिन्न गांवों में इस तरह की स्थिति देखने को मिल रही है.

मुंगेली में ग्रामीणों ने खुद ही बेरीकेडिंग लगाकर लोगों के बाहर आने-जाने पर रोक लगा दी है. जिले के लोरमी में एसडीएम रुचि शर्मा ने बिना अनुमति के पेट्रोल-डीजल देने पर रोक लगा दी है. पेट्रोल पंप संचालकों को इसे लेकर निर्देश दिए गए हैं. प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि सड़कों पर बेवजह गाड़ी दौड़ाने वालों पर रोक लगाने के लिए यह व्यवस्था की गई है. इतना ही नहीं जिले के मोहनपुर, नवाडीह समेत कई गांवों में ग्रामीणों ने खुद सीमाओं पर नाकाबंदी कर दी है. बाहरी लोगों का गांवों प्रवेश बंद कर दिया गया है.

सरगुजा जिले के अंबिकापुर में खलिबा गांव के लोगों ने भी इसी तरह की पहल की है. गांव में प्रवेश करने वाले रास्ते को सील कर दिया गया है, ताकि कोई बाहरी व्यक्ति न आए. इतना ही नहीं बिना काम गांव के लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. गांव का चौकीदार दिन में तीन बार मुनादी कर रहा है. किसी को गांव में ना बुलाने और स्वच्छता का ख्याल रखने का लगातार एनाउंसमेंट किया जा रहा है.

कोरोना को लेकर लगातार शासन-प्रशासन के जागरूकता अभियान के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी लोगों की सतर्कता दिख रही है. कांजीपानी गांव में नाका लगाया गया है, जिसमें लिखा गया कि बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित है. गांव की सीमा पर पंचायत द्वारा एक लकड़ी का नाका लगा दिया गया है. उस नाके पर बड़ा पोस्टर लगाकर संदेश लिख दिया गया है. इस पोस्टर में लिखा है कि कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित है. साथ ही धारा 144 लागू है और गांव पूरी तरह लॉकडाउन है. इसके अलावा पंचायत स्तर पर भी कोरोना को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. कई पंचायतों में बाहर से आ रहे लोगों को पहले अस्पताल भेजा जा रहा है, उसके बाद ही गांवों में प्रवेश करने दिया जा रहा है.

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