चैत्र नवरात्र पर माता कैसा रहेगा का प्रभाव

हिंदू नववर्ष का आरंभ 25 मार्च बुधवार को होने जा रहा है। इसी दिन चैत्र नवरात्र का आरंभ होगा। ज्योतिषशास्त्र में नवरात्र का बड़ा ही महत्व है। आश्विन और चैत्र नवरात्र में माता के वाहन से आने वाले साल की स्थिति का आकलन किया जाता है। आश्विन नवरात्र में इस बार माता की विदाई मनुष्य वाहन पर हुई है जिसे अशुभ फलदायी माना जाता है। उस समय पंडित राकेश झा ने भविष्यवाणी की थी कि आने वाले साल में जन धन की हानि होगी। अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त होगी। लोगों में चिंता और निराशा का भाव बढे़गा। आइए जानें चैत्र नवरात्र में माता का वाहन क्या होगा और इसका देश दुनिया पर कैसा प्रभाव रहेगा।

नाव पर आ रही हैं माता
चैत्र नवरात्र 2020 का आगमन बुधवार को हो रहा है। देवीभाग्वत पुराण में बताया गया है कि नवरात्र का आरंभ बुधवार को होगा तो देवी नौका पर यानी नाव पर चढ़कर आएंगी। माता के नौका पर चढ़कर आने का मतलब यह है कि इस साल खूब वर्षा होगी जिससे आम लोगों का जीवन प्रभावित हो सकता है। बाढ़ की वजह से जन धन का बड़ा नुकसान हो सकता है।

माता की विदाई हाथी पर
चैत्र नवरात्र का समापन 3 मार्च शुक्रवार को हो रहा है। पुराण में कहा गया है कि अगर शुक्रवार के दिन माता विदा होती हैं तो उनका वाहन हाथी होता है। हाथी वाहन होना भी इसी बात का सूचक है कि अच्छी वर्षा होगी। लेकिन कृषि के मामले में स्थिति अच्छी रहेगी। अच्छी उपज से किसान उत्साहित रहेंगे। नवसंवत् के मंत्री चंद्रमा और राजा बुध का होना भी यह बताता है कि आने वाले साल में अर्थव्यवस्था को संभलने का मौका मिलेगा।

आने वाले साल को शुभ बनाएं
चैत्र नवरात्र के अवसर पर नौ दिनों तक माता की पूजा नियमित करें और हर दिन कवच, कीलक अर्गलास्तोत्र का पाठ करते हुए हो सके तो हर दिन एक कन्या भोजन करवाएं और दशमी तिथि को कन्या को वस्त्र और दक्षिणा सहित विदा करें। हर दिन माता को पूजा करते समय एक लवंग जरूर चढ़ाएं और इसे प्रसाद रूप में ग्रहण करें।

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