चैती छठ: व्रतियों ने दिया डूबते सूर्य को अर्घ्य, सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद महापर्व का होगा समापन
पटना
राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में सूर्योपासना का महापर्व चैती छठ श्रद्धा एवं आस्था के बीच मनाया गया। छठव्रतियों ने सोमवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। भगवान भास्कर सुख समृद्धि की कामना की व मन्नतें मांगी। मंगलवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा। लॉकडाउन लागू रहने के कारण छठ घाटों पर सन्नाटा रहा। व्रति अपने-अपने घरों के पास ही अर्घ्य देकर सूर्य भगवान से कामना की। मंगलवार को श्रद्धालु उदीयमान सूर्य को अर्घ्य प्रदान करके इस महापर्व के अनुष्ठान का समापन करेंगे।
धार्मिक मान्यता है कि छठ महापर्व में नहाए-खाए से पारण तक व्रतियों पर षष्ठी माता की कृपा बरसती है। गौरतलब है कि बिहार और पूर्वी उत्तरप्रदेश में छठ पूरी श्रद्धा और भक्ति से मनायी जाती है.। चैत माह में भी महती तादाद में श्रद्धालु छठ महापर्व करते हैं। हालांकि कोरोना के कारण इस बार गंगा घाटों पर चैती छठ नहीं मनायी जा रही है। पर घाट के किनारे के रहनेवाले कई श्रद्धालु रविवार को भी गंगा स्नान करने और गंगाजल भरने पहुंच गये थे। इससे घाटों पर भी छठी मैया और हर-हर गंगे के जयकारे लगे।
छठ के पारंपरिक गीत …. दर्शन देहू न आपार छठी मैया…उगऽ हे सूरजदेव अरघ के बेरिया… गीत गाते महिला व्रतियों ने घरों में खरना और अघ्र्य के प्रसाद तैयार किये। रविवार की शाम व्रतियों ने पूरी भक्ति के साथ भगवान भास्कर को गुड़ -दूध की खीर,घी में बनी रोटी का भोग लगाया और खुद भी परिजनों के साथ प्रसाद ग्रहण किये।
खरना का प्रसाद बनाने के लिए गंगा जल लेने घाटों पर पहुंचे लोग
पहली बार छठ पूजा पर गंगाघाट सूना लग रहा है। कोरोना के कारण गंगा घाटों पर खरना के दिन रविवार को भी सख्ती देखी गई। बावजूद इसके कई घाटों पर श्रद्धालु प्रसाद बनाने के लिए गंगाजल लेने पहुंचे। कई श्रद्धालु पैदल ही 10-12 किमी दूर से गंगाजल लेने आए थे। सुबह पुलिसकर्मियों की संख्या कम होने के कारण श्रद्धालु सीधे घाट तक पहुंच गए। लेकिन दस बजे के बाद पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकना शुरू किया। गंजाजल लेने में सोशल डिस्र्टेंंसग का पालन किया। समूह में न तो किसी को स्नान करने दिया और न ही गंगाजल ले जाने। ज्यादा भीड़ एनआईटी, लॉ कॉलेज सहित अन्य घाटों पर दिखी।
छठ व्रतियों ने किया खरना, आंगन और छतों पर होगी उपासना
चैती छठ के दूसरे दिन व्रतधारियों ने खरना का अनुष्ठान किया। रविवार को छठ व्रतियों ने पूरे दिन निर्जला व्रत कर शाम में खरना किया। कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए सरकार द्वारा देश में लागू लॉकडाउन के कारण व्रतियों ने अपने घरों पर ही खरना किया। इसके बाद प्रसाद वितरण का सिलसिला शुरू हुआ। सोशल डिस्टेंस का प्रभाव प्रसाद खाने व वितरण में भी दिखाई पड़ा। वहीं लोग अपने घरों में धीमी आवाज में छठी मईया के पारंपरिक गीत बजा कर छठी मईया का गुणगान कर रहे थे। सोमवार को छठव्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य देंगे। इस बार लॉकडाउन के कारण व्रती अपने घरों की छतों व आंगन में ही भगवान भाष्कर का अघ्र्य व पारण करेंगे। मंगलवार को पारण के साथ महापर्व का समापन हो जाएगा।