चुनाव, IPL और वर्ल्ड कप… सट्टेबाजों के लिए बंपर साल है 2019

माथुर
शर्त- हम में से सभी ने कभी न कभी जिंदगी में किसी मौके पर 'शर्त' जरूर लगाई होगी। कभी विराट कोहली की सेंचुरी पर 10 या 50 रुपये की छोटी शर्त या फिर चुनाव में किसी पार्टी की सीटों पर शर्त। इस तरह शर्त या सट्टेबाजी भारत में पूरी तरह प्रतिबंधित है, लेकिन यह दुनिया के पसंदीदा इनडोर गेम में से एक है। सट्टा लगाने वाले किसी भी बात पर सट्टा लगाने का मौका नहीं छोड़ते। खेल, बिजनस, राजनीति, यहां तक कि गांधी परिवार की अगली पीढ़ी चुनावों में चुनाव प्रचार करेगी इस पर भी कुछ लोग सट्टा लगाते हैं। साल 2019 ऐसे ही कुछ सट्टेबाजों के लिए बंपर इयर की तरह आया है। आईपीएल और लोकसभा चुनाव जहां अभी चल रहे हैं, वही क्रिकेट वर्ल्ड कप भी इसी साल होना है।

चुनाव में अब तक 2 लाख करोड़ का सट्टा
खबरों में दावा किया गया है कि 2019 के आम चुनाव पर करीब 2 लाख करोड़ रुपये का सट्टा लग चुका है, जो 2014 के चुनाव के मुकाबले दोगुना है। क्योंकि सट्टा एक अनियमित बाजार है, ऐसे में रकम के आंकड़े का सही-सही अंदाजा लगाना मुश्किल है। दिल्ली के एक सट्टेबाज ने बताया, 'यह कोई ऐसा काम नहीं है, जिसमें कोई व्यक्ति इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करे और सरकार को बताए किए उसने कितने का सट्टा लगाया है।' उसने कहा कि 2 लाख करोड़ का सट्टा लगाने का आंकड़ा सही हो सकता है, लेकिन इसका शत-प्रतिशत दावा नहीं किया जा सकता है।

आईपीएल से ज्यादा चुनाव पर सट्टा
इस सटोरिए ने बताया कि दिलचस्प बात यह है कि आईपीएल अभी चल रहा है, उसके बाद भी चुनाव पर सबसे ज्यादा सट्टा खेला जा रहा है। यूपी में काम करने वाले एक सटोरिए ने बताया, 'ऐसा नहीं है कि क्रिकेट पर सट्टे का धंधा चौपट हो गया है, लेकिन इस बार चुनाव पर ज्यादा लोग सट्टा लगा रहे हैं। इन दिनों हमारे बिजनस का सिर्फ 20-25 प्रतिशत ही क्रिकेट है। जबकि आईपीएल के दौरान औम तौर पर 95 प्रतिशत तक सट्टा क्रिकेट पर ही लगता है।'

असामान्य सट्टा
हर बार सट्टा बिल्कुल साधारण नहीं होता कि कौन जीतेगा? सट्टेबाज आम तौर पर असामान्य सट्टे पर सबसे ज्यादा पैसा कमाते हैं। जैसे भारत के किसी फास्ट बोलर को वर्ल्ड कप के दौरान चोट लगेगी और उसे वापस भेजा जाएगा का भाव 3.00 है। कन्हैया कुमार की बेगुसराय में जमानत जब्त होगी का भाव 7.50 है। क्या हम अगले चुनाव में गांधी परिवार की अगली पीढ़ी को चुनाव प्रचार करते देखेंगे का भाव 51.00 है।

चुनाव में एकमुश्त नतीजों पर लगता है सट्टा
क्रिकेट पर जो सट्टा लगता है, वह छोटी चीजों पर ज्यादा लगता है, जैसे- आज का मैच कौन जीतेगा, क्या X प्लेयर सेंचुरी बनाएगा, क्या Y बॉलर 3 विकेट लेगा, वहीं दूसरी तरफ चुनाव पर सट्टा पूरी तरह अलग है। चुनाव में एकमुश्त नतीजों पर बड़ा दांव लगाया जाता है। इस चुनाव में सबसे ज्यादा दांव इस बात पर लगा है कि क्या पीएम मोदी को जनता दूसरा टर्म देगी, क्या बीजेपी 272 का आंकड़ा पार कर पाएगी, क्या राहुल गांधी दोनों सीटों से जीत दर्ज करेंगे? दिल्ली के एक सट्टेबाज ने कहा, 'आईपीएल और क्रिकेट में तो रोज नए मैच होते हैं। बात करने के लिए रोज नई चीजें होती हैं, लेकिन चुनाव में ऐसा नहीं होता है। इसमें ऑप्शन लिमिटेड हैं, इसलिए लोग बड़ा दांव खेलते हैं।'

चुनाव का 'चालू' सट्टा
हालांकि चुनाव में भी छोटे और चालू सट्टे लगते हैं। जैसे अप्रैल के आखिर तक इस बात पर भी सट्टा लग रहा था कि प्रियंका गांधी वाराणसी से चुनाव लड़ेंगी या नहीं, क्या दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का गठबंधन होगा। इसके अलावा चुनाव के हर चरण में, हर सीट पर वोट प्रतिशत पर भी सट्टा लगता है।

चुनाव, IPL के बाद वर्ल्ड कप
आईपीएल 12 मई को खत्म हो रहा है। चुनाव के नतीजे 23 मई को आ जाएंगे, लेकिन सट्टेबाजी के बाद भी जारी रहेगी। राजस्थान के सट्टेबाज ने बताया, 'मई के आखिर में वर्ल्ड कप शुरू हो रहा है और यह हमेशा से ही हम लोगों के लिए बड़ा मौका रहा है।' उसने बताया, 'उसे लेकर अभी से सट्टा लगा रहा है, जैसे फाइनल तक कौन-कौन सी टीमें पहुंचेंगी, विराट सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बनेंगे, भारत और पाक के बीच मैच का नतीजा क्या होगा।' जैसे ही वर्ल्ड कप शुरू होगा, उस पर रोजाना वाला सट्टा भी शुरू हो जाएगा। 2015 के वर्ल्ड कप में 50 हजार करोड़ रुपये का सट्टा लगा था। सट्टेबाजों का दावा है कि इस वर्ल्ड कप में यह आंकड़ा आसानी से पीछे छूट जाएगा।

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