चुनाव ड्यूटी में लगे बीयू ड्रायवर तो रजिस्ट्रार और वीसी को चलाने पड़ेंगे अपने वाहन, परीक्षाओं पर भी संकट 

भोपाल
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के एक दर्जन ड्रायवर को लोकसभा चुनाव की ड्यूटी में लगा लिया है। जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र से बीयू अधिकारियों में हलचल जरूर मच गई है। वर्तमान में प्रथम और द्वितीय वर्ष की वार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं, जो अगले माह तक चलेंगी। वहीं एक मई से छठवें और चौथे सेमेस्टर की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। उक्त सभी ड्रायवर चुनाव ड्यूटी में लगने गोपनीय सामग्री परीक्षा केंद्रों पर भेजने पर संकट दिखाई देने लगा है।  

बीयू में करीब डेढ दर्जन ड्रायवर पदस्थ हैं। इसमें से जिला निर्वाचन अधिकारी ने एक दर्जन ड्रायवर को लोकसभा चुनाव के दौरान उपयोग होने वाले वाहनों को चलाने के लिए बीयू को पत्र भेज दिया है। अब अधिकारी पशोपेश में फंस गए हैं कि लोकसभा चुनाव के कार्य के लिए ड्रायवर को मुक्त नहीं की स्थिति में उन्हें निर्वाचन आयोग की कार्रवाई से गुजरना होगा। उन्हें मुक्त करने की दशा में परीक्षाओं की जमवाट पूर्ण रूप से बिगड़ जाएगी। इससे परीक्षाओं में शामिल होने वाले करीब डेढ़ लाख विद्यार्थियों के साथ खिलवाड़ करने वाले सवाल खड़े हो जाएंगे। इसलिए बीयू जिला निर्वाचन अधिकारी को करीब आधा दर्जन ड्रायवर को चुनाव ड्यृूटी से मुक्त करने के लिए पत्र लिखने जा रहा है।   

… तो स्वयं चलाक होंगे कुलपति और रजिस्ट्रार 
रजिस्ट्रार अजित श्रीवास्तव और कुलपति आरजे राव के वाहन को चलाने के लिए  दो-दो ड्रायवर को रखा गया है। इसमें भी एक-एक ड्रायवर को चुनाव ड्यूटी में लगा दिया गया है। शेष ड्रायवरों की स्थिति ठीक नहीं होने की दशा में वीसी राव और रजिस्ट्रार श्रीवास्तव को अपना वाहन स्वयं ही चलाकर गंतव्य तक जाना पड़ सकता है।  

केंद्रों से परिचित हैं ड्रायवर 
शोदान सिंह यादव, शीतल, राजेंद्र मालवीय, बबन शर्मा, रमेश परमार, शेख इसराइल, नारायण परमार, अवधनारायण बामनिया, सुरेंद्र यादव, रामसिया पटेल, मुकेश मौर्य राम सिंह परमार को चुनाव ड्यूटी में लगाया गयाहै। इसमें आधा दर्जन ड्रायवर ऐसे हैं, जिन्हें आठ जिलों में संचालित होने वाले केंद्रों का पूरा रोड़ मैप मालूम हैं। वे वाहन में पेपर और कापियों को लेकर जाते हैं और विद्यार्थियों द्वारा लिखी कापियों को समय पर ले आते हैं। यहां तक उन्हें कापियों का वैल्यूशन कराने वाले केंद्रों की पूरी जानकारी है। अन्य ड्रायवर से परीक्षाएं कार्य काफी ज्यादा प्रभावित तक हो सकता है। इसलिए आधा दर्जन ड्रायवर को चुनाव ड्यूटी में मुक्त कराने की जद्दोजहद में लग गया है। 

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