चीन बढ़ा रहा है हिंद महासागर में अपनी ताकत, समंदर में उतारे दो घातक एयरक्राफ्ट कैरियर

बीजिंग
चीन ने दो शक्तिशाली समुद्री विध्वंसक पोत का जलावतरण किया। वह हिंद महासागर में जिबूती नौसैनिक अड्डे पर बहुत बड़ा गोदी बना रहा है ताकि अपने विमान वाहक पोतों को वहां रख सके। सरकारी मीडिया ने 2019 को चीन की सेना के लिए ''ईयर ऑफ हार्वेस्ट" करार दिया है जिसने काफी संख्या में आधुनिक हथियार जुटाए हैं। चीन हर महीने अपने बेड़े में नौसैनिक पोत जोड़ रहा है।

सरकारी 'ग्लोबल टाइम्स' ने सोमवार (30 दिसंबर) को खबर दी कि चीन ने शुक्रवार को अपने छठे टाईप 055 और 23वें टाईप 052डी गाइडेड मिसाइल विध्वंसक लांच किए थे। ये पोत करीब दो वर्षों में संचालन के लिए तैयार होंगे। सैन्य नीतियों में 2013 में बदलाव करने के बाद से सेना ने तीन लाख सैनिक कम किए हैं और चीन के प्रभाव का विस्तार करने और वैश्विक पहुंच बढ़ाने के लिए नौसेना का व्यापक विस्तार किया जा रहा है।

विमान वाहक पोतों के अभियान में देरी से कदम रखने वाले चीन ने 17 दिसम्बर को अपने दूसरे विमान वाहक पोत शैनडांग को लांच किया, जो पहले लेओनिंग के मुकाबले बड़ा है। लेओनिंग सोवियत समय का पुनर्निर्मित जहाज है जिसे 2012 में चीनी नौसेना में शामिल किया गया था।

आधिकारिक मीडिया खबरों में बताया गया कि शैनडांग पर 36 लड़ाकू विमान तैनात हो सकते हैं और हेलीकॉप्टरों को भी इस पर तैनात किया जा सकता है जबिक लेओनिंग पर 24 लड़ाकू विमान तैनात किए जा सकते हैं। सरकारी मीडिया की खबरों में बताया गया कि चीन आगामी वर्षों में पांच से छह विमान वाहक पोत हासिल करने की योजना बना रहा है।

इस बीच चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने पुष्टि की है कि चीन जिबूति में 400 मीटर लंबा गोदी बना रहा है ताकि अपने विमान वाहक पोतों को वहां रख सके। उन्होंने कहा, ''संबंधित सुविधाओं पर काम योजनाबद्ध तरीके से चल रहा है।" 'ग्लोबल टाइम्स' ने कहा कि चीन के सैन्य उपकरण के लिए 2019 ''ईयर ऑफ हार्वेस्ट" रहा है क्योंकि देश ने नवीनतम, उन्नत और शक्तिशाली हथियार ''बड़े पैमाने" पर चुने हैं जो जमीन, समुद्र और हवा में संचालित हो सकते हैं।

 

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