चीन का 4 फीसदी से अधिक सोना नकली ,बड़ा फर्जीवाड़ा

नई दिल्ली
कोरोना संक्रमण की सच्चाई छिपाने और पड़ोसी देशों की जमीन पर आंखें गड़ाने के कारण दुनियाभर में किरकरी झेल रहे चीन में सोने का एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। माना जा रहा है कि यह हाल के वर्षों में सोने का सबसे बड़ा घोटाला हो सकता है। यह घोटाला उस शहर से उभरा है जो घोटालों की जननी बन चुका है। वही शहर जहां से निकलकर कोरोना पूरी दुनिया में कहर ढा रहा है। यानी वुहान। रिपोर्ट के मुताबिक चीन के कुल स्वर्ण भंडार में 4 फीसदी से अधिक सोना नकली हो सकता है।
चीन में सबसे बड़े ज्वैलरों में शामिल और नैसडेक में सूचीबद्ध किंगोल्ड ज्वैलरी पर 14 वित्तीय संस्थानों से लोन निकालने के लिए रेहन के तौर पर सोने की नकली बार रखने का आरोप लगा है। कंपनी ने 83 टन सोना गिरवी रखकर 20.6 अरब युआन का लोन लिया था। लेकिन इसमें से अधिकांश सोना महज गिल्डेड कॉपर निकला। यह चीन के कुल सालाना उत्पादन का 22 फीसदी और पिछले साल देश के पास मौजूद स्वर्ण भंडार का 4.2 फीसदी है।

जिसे समझे सोना, वह निकला कॉपर
अमेरिका की दो लॉ फर्मों ने निवेशकों की ओर से पहले ही इसकी जांच शुरू कर दी है। किंगोल्ड चीन हुबेई प्रांत की सबसे बड़ी गोल्ड प्रोसेसर है। इसके चेयरमैन जिया झिहोंग चीन की शक्तिशाली पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पूर्व अधिकारी हैं। सोने के नकली होने का खुलासा फरवरी में हुआ जब एक ट्रस्ट ने डिफॉल्ट कर्ज की भरपाई के लिए गिरवी रखे सोने को बेचने की कोशिश की। तब पता चला कि जिसे सोना समझा जा रहा था वह गिल्डेड कॉपर निकला।

इस खबर के फैलते हुए किंगोल्ड के क्रेडिटरों में खलबली मच गई। जब बाकी वित्तीय संस्थानों ने अपने यहां गिरवी रखे सोने की शुद्धता की जांच करवाई तो वह कॉपर निकला। जांच एजेंसियां इसकी पड़ताल कर रही हैं। हालांकि जिया किसी भी धोखाधड़ी से इनकार कर रहे हैं। इससे पहले 2016 में भी हुनान प्रांत में इसी तरह के एक घोटाले का पर्दाफाश हुआ था।

 

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