चारधाम यात्रा रोकी, पहाड़ों में भारी बरसात से 32 लोगों की मौत 

 नई दिल्ली 
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हिमाचल से लगे मोरी ब्लॉक के गांवों में बदल फटने की घटना के बाद आयी बाढ़ भूस्खलन से दस लोगों की मौत हो गई जबकि पन्द्रह लोग लापता हो गए। क्षेत्र में मोटर पुलों और सड़कों के बह जाने से रेस्क्यू टीमें मौके देर रात तक मौके पर नहीं पहुंच पायीं। वहीं रविवार को बारिश की वजह से हिमाचल प्रदेश में 22 और पंजाब में तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं यमुना एवं उसकी अन्य सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ने के कारण दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में बाढ़ की चेतावनी जारी की गयी है। यमुना नदी में हथिनी कुंड बैराज से 8.14 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद हरियाणा ने सेना से तैयार रहने का अनुरोध किया है।

उत्तरकाशी में बादल फटने 10 लोगों की मौत

उत्तरकाशी में हिमाचल से सटे इलाकों में बादल फटने की घटना से रविवार तड़के पब्बर और टोंस नदी में आयी भीषण बाढ़ की चपेट में आकर आराकोट, मैजणी और माकुड़ी गांवों में नौ लोगों की मौत हो गई। जबकि एक शव हिमाचल से बहकर आया। क्षेत्र के अलग अलग गांवों में पन्द्रह लोग लापता हैं। टिकोची गांव में इंटर कॉलेज, अस्पताल, पटवारी चौकी ध्वस्त हो गई। मौसम विज्ञान केन्द्र ने संभावना जताई है कि अगले 24 घंटे में देहरादून समेत उत्तरकाशी, चमोदी, पिथौरागढ़, पौड़ी और नैनीताल में भारी से बहुत भारी हो सकती है। मौसम विभाग ने इन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। साथ ही जिला प्रशासन ने गाइडलाइन भी भेजी है। उधर जिलाधिकारी ने सोमवार को जिले के सभी स्कूलों में छुट्टी के आदेश जारी किए हैं। क्षेत्र में बादल फटा है या नहीं, इस पर राज्य मौसम केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि वहां हमारे पास बारिश को मापने का इंतजाम नहीं है। लेकिन तीन घंटे तक वहां भारी से भारी बारिश हुई है। टौंस नदी में बाढ़ की वजह से रविवार सुबह त्यूनी बाजार में पानी भर गया। लोगों को जान बचाने के लिए घर छोड़कर भागना पड़ा। नदी का जल स्तर बढ़ने पर प्रशासन ने निचले इलाके को खाली करा दिया है।  

हिमाचल में 22 की मौत
हिमाचल प्रदेश में बारिश जनित घटनाओं में दो नेपाली नागरिक समेत कम से कम 22 लोगों की मौत हो गयी जबकि नौ अन्य घायल हो गये। वहीं उत्तराखंड में बादल फटने के कारण तीन लोगों की मौत हो गयी और 22 अन्य लापता हो गये। पंजाब में भी तीन लोगों के मरने की खबर है। दक्षिण भारत के केरल में बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 121 हो गयी है। मलप्पुरम के कवालप्पारा और वायनाड के पुथुमला में शवों का पता लगाने के लिए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) का इस्तेमाल किया जा रहा है जहां हुए भयंकर भूस्खलन ने दो गांवों का नामो-निशान मिटा दिया था।

चारधाम यात्रा रोकी, 161 सड़कें हुईं बंद

देहरादून में लगातार हो रही बारिश के कारण चारधाम मार्ग समेत 161 मार्गों पर आवाजाही बंद हो गई। बारिश और भूस्खलन के कारण सड़कें खोलने के काम में बाधा उत्पन्न हो रही है। सड़कें बंद होने से चारधाम यात्रा रोक दी गई है। बद्रीनाथ के पास कंचनगंगा में हाइवे का 27 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया। इसके अलावा हाइवे कई स्थानों पर बंद होने से यात्रा रोक दी गई है। 12 सौ यात्रियों को बदरीनाथ में ही रुकने को कहा गया है। केदारनाथ हाइवे बांसवाड़ा में एक बार फिर बंद हो गया। रामबाड़ा में पैदल पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने से फिलहाल यात्रा रोक दी गई है। गंगोत्री हाइवे बडे़थी और हर्षिल तथा यमुनोत्री हाइवे डबरकोट में बंद होने से यात्री गंगोत्री, यमुनोत्री नहीं जा पा रहे हैं। लोनिवि के प्रमुख अभियंता हरिओम शर्मा ने बताया कि उत्तरकाशी क्षेत्र में ज्यादा बारिश की वजह से बड़ी संख्या में सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं। उन्होंने बताया कि सड़कों को खोलने के लिए पूरे राज्य में 254 जेसीबी लगाई गई हैं। इसके साथ ही लोनिवि के अधिकारियों को कहा गया है कि यदि जरूरत पड़े तो और जेसीबी भी किराए पर ली जा सकती है। बताया कि  गंगोत्री हाइवे बडे़थी और हर्षिल तथा यमुनोत्री हाइवे डबरकोट में बंद होने से यात्री गंगोत्री, यमुनोत्री नहीं जा पा रहे हैं। इससे स्थानीय लोगों को भी परेशानी हो रही है।  

9 साल बाद यमुना में बाढ़ का खतरा

पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश के बाद आगरा में यमुना में नौ साल बाद बाढ़ के खतरे को लेकर सिंचाई विभाग ने हाई अलर्ट जारी किया है। रविवार को ताजेवाला बैराज (हथिनीकुंड) से यमुना में 8.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसके शुक्रवार तक आगरा पहुंचने की संभावना है। लोअर खंड सिंचाई विभाग के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त सूचना के अनुसार, हथिनीकुंड से रविवार सुबह 3.25 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज यमुना में हो रहा था। यह शाम छह बजे 8.28 लाख क्यूसेक हो गया है। इससे यमुना रौद्र रूप धारण कर सकती है। हथिनीकुंड से यह जलराशि तीन दिन में ओखला बैराज पहुंच जाएगी। रविवार को ओखला बैराज से यमुना में 11 हजार क्यूसेक डिस्चार्ज था, जो तीन दिन में बढ़ेगा। मथुरा के गोकुल बैराज से यमुना में नौ हजार क्यूसेक पानी चल रहा है। लगातार बारिश और बैराजों से छोड़े गए पानी के कारण यमुना में बाढ़ का खतरा बन गया है। 2010 में यमुना के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बने थे। दयालबाग, सिकंदरा व बल्केश्वर के निचले इलाकों में पानी भर गया था। फिर नौ साल बाद यमुना के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। 

झारखंड में 24 घंटे में 156 मिमी बारिश, पांच डिग्री तापमान गिरा

झारखंड के ऊपरी वायुमंडल में साइक्लोनिक सर्कुलेशन के असर से शहर में 24 घंटे में झमाझम बारिश हुई। 156.2 मिमी बारिश से तापमान में पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई।  

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