घर में Basement बनवाने के लिए करें इस दिशा का चुनाव

वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर घर को वास्तु के नियमों को ध्यान में रखकर बनाया जाए तो बहुत फायदेमंद साबित होता है। कहते हैं कि घर का हर एक कोना वास्तु के मुताबिक होना चाहिए। उसी तरह अगर आप अपने घर में बेसमेंट बनावा चाहते हैं तो वास्तु के कुछ नियमों का खास ख्याल रखना चाहिए। तो चलिए आज हम आपको उन नियमों के बारे में बताएंगे।  

वास्तु के अनुसार बेसमेंट बनवाने के लिए भवन का उत्तरी एवं पूर्वी भाग, दक्षिणी एवं पश्चिमी भाग की तुलना में नीचा रहना शुभ माना गया है। अतः बेसमेंट का निर्माण हमेशा भवन के उत्तर एवं पूर्व में करना श्रेष्ठ रहता है। दक्षिण एवं पश्चिम दिशा में बनाया गया बेसमेंट वहां निवास करने वालों के लिए अत्यंत कष्टदायक हो सकता है। 

यदि किसी ईमारत में पहले से ही दक्षिण-पश्चिम दिशा में बेसमेंट बना हुआ हो, तो उसका उपयोग भारी सामान रखने अथवा गैरेज क लिए करना उचित रहता है।

कहते हैं कि बेसमेंट की गहराई 10-12 फ़ीट से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए, जिसमें से ऊपर के 3-4 फ़ीट ज़मीन के लेवल से ऊपर आने चाहिए, ताकि प्राकृतिक रोशनी और हवा के लिए खिड़कियां रखी जा सकें।

बेसमेंट में आने-जाने के लिए सीढ़ियां ईशान कोण या पूर्व दिशा से वास्तु में लाभ देने वाली मानी गई हैं।

घर में सकारात्मक ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने के लिए बेसमेंट में सफ़ेद या हल्का गुलाबी रंग का पेंट होना चाहिए। गहरे रंगों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

घर में बेसमेंट का प्रयोग ध्यान, जप व एकाग्रता के लिए किया जाना उत्तम रहता है, यहां मुख हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में करके बैठना शुभकारी होता है।

अगर इसे व्यापार के लिए इसका प्रयोग करना हो तो दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) दिशा में भारी सामान या मशीनें आदि रखी जानी चाहिए। यहां पर बेचने के लिए जो सामान रखा जाए, उसे बेसमेंट की उत्तर-पश्चिम (वायव्य) दिशा में रखा जाना चाहिए। 

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