घर में भूत-प्रेत होने का आभास कराती हैं ये कमियां

हमारे समाज का कोई भी देश, राज्य या जिला हो, भूत-प्रेत बाधा में भरोसा करने वाले लोग हर जगह हैं। कुछ लोग दावा करते हैं कि उन्होंने भूत-प्रेतों को देखा है तो कुछ कहते हैं कि उनके अपने घर में किसी सदस्य के ऊपर आत्मा आती है। हम इस बारे में बात नहीं करेंगे कि भूत-प्रेत होते हैं या नहीं। बल्कि आज हम इस बारे में बात करेंगे कि घर में कौन-सी कमी होने पर भूत-प्रेतों के होने का अहसास होता है। वास्तु गुरु कुलदीप सलूजा ने अपनी पुस्तक ‘संपूर्ण सायंटिफिक वास्तु’ में इस बारे में विस्तार से बताया है।

अगर आपको अपने घर में किसी नेगेटिव एनर्जी के होने का अहसास होता है, परिवार का कोई सदस्य मानसिक रोगों से परेशान है। किसी के शरीर में किसी आत्मा का वास होने की बात कही जाती है तो आप इस बात पर गौर करें कि, कहीं आपके घर के नैऋत्य कोण यानी दक्षिण और पश्चिम दिशा के कोने में कहीं कोई गड्ढा तो नहीं है। यह स्थान घर के पूर्व और उत्तर के कोने की तुलना में अधिक गहरा होने पर भी ऐसा होता है।

यदि परिवार की किसी महिला को मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वह उन्माद या अन्य किसी मनोरोग से परेशान है, जिसे आम लोग पागल होना या उसके अंदर किसी आत्मा का प्रवेश होना मान रहे हैं तो आपको घर के दक्षिण-नैऋत्य कोण को चेक करना चाहिए। वहां किसी भी तरह का वास्तु दोष होने पर परिवार की महिलाएं प्रभावित होती हैं।

अगर परिवार के किसी पुरुष को मानसिक विकार, उन्माद या पागलपन जैसे मानसिक रोगों का सामना करना पड़ रहा है तो इसके लिए आपको घर के पश्चिम नैऋत्य का वास्तु चेक करना चाहिए।

अगर घर परिवार के किसी भी सदस्य चाहे वह स्त्री हो या पुरुष, अगर उसे पागलपन, भूत दिखना, देवी आना जैसी मानसिक परेशानियां हैं तो उन्हें तुरंत किसी योग्य मनोचिकित्सक को दिखाएं। साथ ही घर के नैऋत्य कोण का वास्तु ठीक कराने के लिए अच्छे वास्तुशास्त्री से मिलें।

घर के नैऋत्य कोण यानी दक्षिण और पश्चिम दिशा के हिस्से में घर का मेन गेट नहीं होना चाहिए। यह एरिया घर के बाकी हिस्सों की तुलना में बढ़ा हुआ नहीं होना चाहिए। यह हिस्सा गहरा नहीं होना चाहिए। यहां पानी का निकास या जमीन के नीचे पानी का टैंक नहीं होना चाहिए। यहां बेसमेंट नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा कुछ भी है तो इसे तुरंत ठीक करें।

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