घंटों इंतजार के बाद भी पूर्व सीएम जोगी को नहीं मिली एंबुलेंस, कहा- मोदी से बात करने में भी नहीं हुई इतनी दिक्कत

पेंड्रा
 प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर तरह-तरह के मामले सामने आते रहे हैं। इस बार किसी आम जनता को नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी को जूझना पड़ा। इस बात से नाराज अजीत जोगी ने अब स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को पत्र लिखकर नाराजगी जाहिर की है।

दरअसल अजीत जोगी मंगलवार को पेंड्रा इलाके के दौरे पर थे। इसी दौरान उन्हें जानकारी मिली की पास के एक गांव में 18 साल की युवती की तबीयत खराब हे और उसे तत्काल अस्पताल पहुंचाने की जरूरत है। मामले को गंभीरता से लेते हुए जोगी ने 108 का फोन किया, लेकिन वहां मौजूद लोगों ने बताया कि 108 खराब है। आप 102 महतारी एक्सप्रेस को फोन करें। इसके बाद जोगी ने 102 पर कॉल किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिली। जोगी ने डीएचओ और सीएमओ बिलासपुर से बात की तो वे भी गोल-मोल जवाब दिया गया।

अंतत: जब कहीं से मदद नहीं मिली तो जोगी ने निराश होकर अपने कार्यकर्ताओं से पीड़िता को अस्पताल पहुंचाने का निर्देश दिया। इसके बाद पीड़िता को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसका उपचार जारी है।

अजीत जोगी उस मरीज के लिए रात 9 बजे से 11 बजे तक खुद जूझते रहे और आदिवासी बाहुल्य गौरेला, पेंड्रा, मरवाही इलाके में अब तक स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को लेकर जो ​शिकायतें सामने आती रहीं उनकी वास्तविकता से अवगत हुए। अजीत जोगी ने इसके बाद आज प्रदेष के स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर पूरी घटना से अवगत कराया और कहा कि मेरे लिए राजीव गांधी से नरेन्द्र मोदी तक किसी भी प्रधानमंत्री से बात करने में इतनी दिक्कतें नहीं हुई जितनी कि कल एंबुलेंस के लिए हुई। जोगी ने इस प्रकार की लापरवाहियों को तत्काल रोकने की मांग की है।

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