गोल्ड मेडल के लिए हाई कोर्ट की शरण में पहुंचा दिव्यांग, यूनिवर्सिटी पर लगाए ये आरोप

बिलासपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) स्थित अटल यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह में गोल्ड मेडल (Gold Medal) के लिए पात्रता रहने वाले छात्र को इससे वंचित रखने का मामला सामने आया है. इसको लेकर दिव्यांग छात्र ने हाई कोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बैंच में न्याय की गुहार लगाई थी. हाई कोर्ट ने कल ही दिव्यांग छात्र के मामले का निराकरण करने अटल यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया था. छात्र ने यूनिवर्सिटी के समक्ष जाकर अपने को गोल्ड मेडल के पात्र होने का दावा किया पर यूनिवर्सिटी ने उसके दावा को और हाई कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर दिया. अब छात्र यूनिवर्सिटी के खिलाफ हाई कोर्ट में अवमानना पेश करने की बात कह रहा है.

दरअसल याचिकाकर्ता दिव्यांग छात्र आशीष ने अपने अधिवक्ता पवन श्रीवास्तव के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी. छात्र का आरोप है कि बिलासपुर (Bilaspur) अटल यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह (Convocation) का आयोजन करने 14 सितंबर की तारीख तय की गई थी. इससे पहले दानदाताओं ने उच्चतम अंक पाने वाले दिव्यांग छात्रों को गोल्ड मेडल देने के लिए अटल यूनिवर्सिटी को पैसे भी दिए थे. छात्र का आरोप है कि दिव्यांगों में उसके अधिकतम अंक पाने के बाद भी उसे वंचित रखा गया, जिसको लेकर उसने कई बार यूनिवर्सिटी से निवेदन किया. यूनिवर्सिटी ने उसके निवेदन को निरस्त कर दिया, जिसके बाद छात्र ने अपनी फरियाद को लेकर हाई कोर्ट में गुहार लगाई.

बीते शुक्रवार को लगे छात्र की गुहार पर हाई कोर्ट जस्टिस गौतम भादुड़ी ने यूनिवर्सिटी को दीक्षांत समारोह के तय समयावधि के अंदर छात्र के मामले का निराकरण करने निर्देश दिया था. यूनिवर्सिटी में दीक्षांत समारोह शनिवार को आयोजित था. लेकिन तय समय में यूनिवर्सिटी ने न तो निराकरण किया और न ही हाई कोर्ट के आदेश का पालन. याचिकाकर्ता छात्र का कहना है कि यह कोर्ट के आदेश का अवमानना है. इसलिए सोमवार को इसमें अवमानना याचिका दायर किया जाएगा.

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