गोल्ड ईटीएफ में मई में आया 815 करोड़ रुपये का निवेश

नई दिल्ली
कोरोना वायरस संकट के चलते शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच मई में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में 815 करोड़ रुपये का निवेश आया। इसकी वजह यह है कि निवेशक अब निवेश के सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं।  पिछले साल इस श्रेणी का प्रदर्शन अन्य संपत्तियों की तुलना में बेहतर रहा है। अगस्त 2019 से गोल्ड ईटीएफ में कुल 3,299 करोड़ रुपये का निवेश आया है।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार मई गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध निवेश 815 करोड़ रुपये रहा। अप्रैल में इसमें 731 करोड़ रुपये का निवेश आया था। हालांकि, मार्च में इससे 195 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी। इससे पहले फरवरी में इसमें 1,483 करोड़ रुपये और जनवरी में 202 करोड़ रुपये का निवेश आया था। पिछले साल दिसंबर में इसमें 27 करोड़ रुपये और नवंबर में 7.68 करोड़ रुपये का निवेश आया था। अक्टूबर में निवेशकों ने इस श्रेणी से 31.45 करोड़ रुपये की निकासी की थी।

ग्रो के सह-संस्थापक और मुख्य परिचालन अधिकारी हर्ष जैन ने कहा, ''महामारी से पहले के महीनों की तुलना में स्वर्ण ईटीएफ में निवेश ऊंचा बना हुआ है। कई निवेशक बाजार में उतार-चढ़ाव को देखते हुए सोने में निवेश को तरजीह दे रहे हैं। मोर्निंग स्टार इनवेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के वरिष्ठ शोध विश्लेषक हिमांशु श्रीवास्तव ने भी कहा, ''कोरोना वायरस महामारी से दुनिया भर के बाजारों के प्रभावित होने और बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी के बीच सोना बेहतर प्रदर्शन वाले संपत्ति वर्ग और तरजीही निवेश साधन के के रूप में उभरा है।

फिजिकल गोल्ड की तरह इसमें भी रिटर्न कम मिलता है। हालांकि यह घर में रखे सोने के गहने की तुलना में ज्यादा सुरक्षित होता है। जहां तक शुद्धता का सवाल है तो इलेक्ट्रानिक रूप में होने के कारण इसकी शुद्धता का पूरा भरोसा कर सकते हैं। इस पर तीन साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। इस पर लोन नहीं मिलता। इसे एक्सचेंज पर कभी भी बेचा जा सकता है और इसको रखने का खर्च भी काफी कम है।

 

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