गुजरात के डिप्टी CM को कांग्रेस का खुला ऑफर- 20 विधायक लेकर आएं, बनें CM

गांधीनगर

राज्यसभा की रिक्त हो रही चार सीटों पर 26 मार्च को होने वाली वोटिंग से पहले गुजरात में सियासत गरमा गई है. हालांकि इस सियासत के केंद्र में आ गए हैं सूबे के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल. विपक्षी कांग्रेस ने नितिन पटेल को मुख्यमंत्री बनने का खुला ऑफर देकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. कांग्रेस ने यह ऑफर कहीं इधर-उधर नहीं, सीधे विधानसभा में दिया. यह वाकया सोमवार का है.

हुआ यह कि सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल चल रहा था. चर्चा के दौरान ही बातों ही बातों में अमरेली जिले के लाठी विधानसभा क्षेत्र से विधायक विरजी ठुमरने ने अचानक उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल का नाम लिया. विरजी ने नितिन पटेल को 20 विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़ कांग्रेस में आने का खुला ऑफर दे दिया. उन्होंने कहा कि आप 20 विधायकों के साथ कांग्रेस ज्वॉइन करें, हम आपको मुख्यमंत्री बनाएंगे. विरजी के इस बयान के बाद विधानसभा में हंगामा शुरू हो गया.

अब भाजपा, नितिन पटेल के बचाव में उतर आई है. गुजरात भाजपा ने विधानसभा में दिए गए ऑफर को लेकर कहा है कि कांग्रेस नितिन पटेल को निशाना बना रही है. वहीं, राजनीति के जानकार इसे चार राज्यसभा सीटों के लिए होने वाली वोटिंग से पहले कांग्रेस की बदली रणनीति का हिस्सा बता रहे हैं. गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव से पहले अब तक कांग्रेस के विधायक पाला बदलकर भाजपा में शामिल होते रहे हैं. ऐसे में इस बार कांग्रेस विधायक का यह बयान भाजपा की ओर से जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू होने से पहले उसे अपना कुनबा बचाए रखने में उलझाए रखने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. इस बार विधानसभा सीटों में इजाफे के कारण कांग्रेस को राज्यसभा में एक सीट का लाभ होता नजर आ रहा है. कांग्रेस किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती. वर्तमान परिस्थितियों में भाजपा और कांग्रेस, दोनों को ही चार में से दो-दो सीटें मिलती नजर आ रही हैं.

अब सवाल यह भी उठता है कि आखिर भाजपा को जोड़-तोड़ की राजनीति से दूर रखने के लिए कांग्रेस ने नितिन पटेल को ही क्यों चुना? पाटीदार समुदाय के नेता नितिन पटेल एक समय मुख्यमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे माने जा रहे थे. उनके समर्थक इसे लेकर इतने आश्वस्त थे कि मिठाइयां तक बांटी जाने लगी थीं, लेकिन ऐन वक्त पर विजय रुपाणी मुख्यमंत्री बन गए और नितिन को उपमुख्यमंत्री पद से संतोष करना पड़ा था. नितिन पिछले कुछ समय से पार्टी में अलग-थलग चल रहे थे. उन्होंने विश्व उमिया धाम में पिछले दिनों खुद अपना दर्द बयां करते हुए कहा था कि एक तरफ सभी हैं और दूसरी तरफ मैं अकेला. उन्होंने कहा था कि मां उमिया का आशीर्वाद और पाटीदार का खून है कि सबके सामने खड़ा हूं.

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