गांधी परिवार से बाहर का कोई बने अध्यक्ष: राहुल गांधी

 
नई दिल्ली

कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की राहुल गांधी की पेशकश को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने खारिज कर दिया है. राहुल गांधी पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े हुए थे और चाहते थे कि गांधी परिवार से कोई शख्स कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं बने.

सूत्रों का कहना था कि राहुल गांधी ने कहा कि आप लोग मेरी जगह प्रियंका गांधी का भी नाम न लें. गांधी परिवार से इतर किसी व्यक्ति को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाए. राहुल गांधी काफी देर तक इस्तीफा देने की बात पर अड़े रहे, लेकिन बाद में उनके इस्तीफे की पेशकश को कार्य समिति ने खारिज कर दिया.

मगर कार्यसमिति के सदस्यों ने सर्वसम्मति से और एक स्वर से इसे खारिज करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष का आह्वान किया कि प्रतिकूल परिस्थितियों में पार्टी को राहुल गांधी के नेतृत्व और मार्गदर्शन की आवश्यकता है. कांग्रेस कार्यसमिति ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को देश के युवाओं, किसानों, महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति/पिछड़ों, गरीबों, शोषितों और वंचितों की समस्याओं के लिए आगे बढ़कर जूझने का आग्रह किया. 

बहरहाल, लोकसभा चुनाव में करारी हार के कारणों पर मंथन करने के लिए कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की शनिवार को हुई बैठक समाप्त हो गई है.

बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मैं अध्यक्ष के रूप में काम नहीं करना चाहता हूं, पार्टी के लिए काम करना चाहता हूं. इसके बाद राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा निकल गए हैं.

बैठक में कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों ने अपनी बात रखी. सदस्यों का राहुल से कहना है कि आप इस्तीफा मत दीजिए. आप काम कीजिए. सभी की बात सुनने के बाद अब राहुल गांधी ने बैठक को संबोधित किया. इसी बैठक में राहुल गांधी की पेशकश को खारिज कर दिया गया.

कांग्रेस कार्यसमिति के फैसले की जानकारी मीडिया को देते हुए बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बताया कि पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश को खारिज कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि कांग्रेस कार्यसमिति 2019 लोकसभा चुनाव के जनादेश को विनम्रता से स्वीकार करती है.

सुरजेवाला ने बताया कि कांग्रेस कार्यसमिति 12.13 करोड़ साहसी और सजग मतदाताओं को धन्यवाद देती है, जिन्होंने कांग्रेस पार्टी में अपना विश्वास व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक जिम्मेदार और सकारात्मक विपक्ष के रूप में अपना कर्तव्य निभाएगी और देशवासियों की समस्याओं को सामने रख उनके प्रति सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करेगी.

गौरतलब है कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है. वह 52 सीटों पर सिमट गई है. 2014 के चुनाव में 44 सीटें जीतने वाली पार्टी को इस बार बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी, लेकिन उम्मीद पूरी नहीं हो सकी.

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