गर्भावस्था के दौरान ऐल्कॉहॉल का सेवन, बच्चे में डायबिटीज का खतरा

अगर आपको ऐल्कॉहॉल लेने की आदत है और आप इस समय प्रेग्नेंट हैं तो आपको अपनी इस आदत पर कंट्रोल करना ही होगा। अपने लिए ना सही, अपने बेबी के फ्यूचर के लिए ही सही। हाल ही हुई एक स्टडी में सामने आया है कि जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान ऐल्कॉहॉल का सेवन करती हैं, उनके बच्चे में जन्म के साथ कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं और इनमें डायबिटीज जैसी बीमारी का खतरा भी शामिल है।

हालही Journal of Physiology में पब्लिश एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत कम मात्रा में भी ऐल्कॉहॉल का सेवन करना आपके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए इंसुलिन का खतरा बढ़ा सकता है, खासतौर पर अगर आपके गर्भ में पल रहे बच्चे का जेंडर मेल है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इंसुलिन रजिस्टेंस जेंडर स्पेसिफिक है। इस बारे में शोधकर्ताओं का कहना है कि एस्ट्रोजन हॉर्मोन इंसुलिन से प्रोटेक्शन देता है। लेकिन पुरुषों में एस्ट्रोजन का लेवल पहले से ही काफी कम होता है। यही कारण है कि अगर गर्भ में पल रहा भ्रूण मेल है और उस दौरान प्रेग्नेंट महिला ऐल्कॉहॉल का सेवन करती है तो उस बच्चे के ब्लड में इंसुलिन का खतरा बढ़ सकता है।

शोधकर्ता आगे कहते हैं कि इंसुलिन प्रतिरोध से हमारा मतलब है कि आपके शरीर की कोशिकाओं का इंसुलिन हार्मोन का उपयोग करने में असमर्थता। इंसुलिन हमारे शरीर में पेनक्रियाज द्वारा स्त्रावित होता है। इसकी वजह से शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है। यह स्थिति अगर लगातार बनी रहती है तो गंभीर स्थिति में पहुंचने पर डायबिटीज का कारण बन जाती है।

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