गंगा किनारे की मिट्टी से आकार ले रहीं गणेश प्रतिमाएं, मुंबई की तरह सिंहासन पर विराजेंगे गणपति बप्पा

भोपाल
शहर में गणेश उत्सव पर्व मनानेे के लिए गणेश प्रतिमाएं बनाने का कार्य कलाकारों द्वारा किया जा रहा है। तेज बारिश के दौरान मिट्टी की प्रतिमाएं उकेरी जा रही हैं। भोपाल में बंगाल से आए कलाकारों द्वारा भगवान गणेश की प्रतिमाओं को गंगा किनारे की मिट्टी से तैयार किया जा रहा है। इस बार भी झांकी सजाने वालीं समितियों को पुरानी दरों पर ही गणेश प्रतिमाएं मिल सकेंगी। गणेश प्रतिमा बनाने वाले कलाकारों पर जरूर जीएसटी का बोझ मटेरियल के रूप में पढ़ रहा है, लेकिन वे इस वर्ष भी पुरानी दरों पर ही प्रतिमाएं बेचनेे का मन बना चुके हैं। 2 सिंतबर से गणेशोत्सव पर्व आरंभ हो रहा है। शहर में अनेक स्थानों पर झांकी निर्माण का कार्य रक्षाबंधन के बाद आरंभ हो जाएगा।

जानकारी के अनुसार गणेश उत्सव के लिए राजधानी में बंगाल के कलाकारों द्वारा गणेश और दुर्गा प्रतिमाएं बनाने का कार्य तेज कर दिया गया है। मूर्तियों को बनाने के बाद अब इनमें रंग भरनेे का कार्य किया जाएगा। बंगाल से आए कलाकारों ने बताया कि मूर्तियों को बनाने के लिए यहां और बंगाल में गंगा किनारे की मिट्टी का ज्यादा उपयोग किया गया है। हबीबगंज में गणेश प्रतिमाओं को आकार देने वाले कलाकार निखिलचन्द्र पाल ने बताया कि इस बार भी मूर्तियों को बनाने में करीब 10 प्रतिशत की कीमत पिछले साल की अपेेक्षा बढ़ी है, लेकिन इस बार हम लोग मूूर्तियों के दामों में कोई इजाफा नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके यहां इस साल 100 गणेश प्रतिमाएं और 100 ही दुर्गा प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है।

भोपाल में बंगाली कलाकारों द्वारा गणेश और मां दुर्गा की प्रतिमाओं का निर्माण किया जा रहा है। बारिश से बचाने के लिए यहां प्लास्टिक चारों ओर लगाई गई है। दिन और रात प्रतिमाओं को बनाया जा रहा है। ज्यादातर स्थानों पर मूर्तियां बन चुकी हैं अब उनमें रंग भरने का काम थोड़ी बारिश थमने के बाद आरंभ किया जाएगा। महंगाई के दौर का असर प्रतिमाओं पर भी देखने को मिल रहा है। बंगाल से आने वाली निर्माण सामग्री पर जीएसटी निर्माण करने वालों को चुकाना पड़ रहा है।

मूर्ति निर्माण करने वाले कलाकारों का कहना है कि इस बार पुराने दामों पर 3 फीट की मूर्ति 2500 से 3000 रुपए तक की कीमत में बाजार में उपलब्ध रहेगी। इस बार जीएसटी देने के बाद भी गणेश एवं दुर्गा प्रतिमाओं के दामों में कोई इजाफा नहीं किया गया है। प्रतिमाओं को विशेष आकृति के साथ निर्मित किया जा रहा हैं। वहीं 5 फीट से भी ज्यादा ऊंचाई तक प्रतिमाओं को आकार दिया जा रहा है। बड़ी मूर्तियों के लिए उनमें टूट-फूट न हो, इसके लिए विशेष इंतजाम किए गए है।

देश में चल रही राजनीति का रंग गणेश प्रतिमाओं में भी लाने के लिए कई लोगों द्वारा डिमांड की गई, लेकिन इस बात से साफ इंकार कर दिया। एक कलाकार ने बताया कि कुछ लोगों का कहना था कि गणेश प्रतिमाओं मेंं पाकिस्तान और हिन्दुस्तान का उल्लेख कला के माध्यम से हो। हमने इस तरह की मूर्ति बनाने से इंकार कर दिया। भगवान की मूर्ति में कहीं भी राजनीतिक रंग की झलक नहीं होना चाहिए। यह धर्म समाज से जुड़ी बात है।

गणेशोत्सव पर्व मनाने के लिए गणेश और मां दुर्गा की प्रतिमाओं को बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है। मुंबई में सिंहासन पर विराजे भगवान गणेश की प्रतिमाओं की डिमांड इस बार ज्यादा सामने आई है। बंगाल से आने वाली मिट्टी और भोपाल की मिट्टी को मिलाकर मूर्ति को बनाया जा रहा है। इस वर्ष से 70-80 गणेश प्रतिमा और 50-60 मां दुर्गा की प्रतिमाओं के ऑर्डर उनके पास है। इस बार मूर्तियों के दामों में कोई इजाफा नहीं किया गया है।
दीपक प्रजापति, कलाकार, टीटी नगरं

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