‘खेल’ में लगे थे कांग्रेस-JDS, शाह ने पलटा

बेंगलुरु
कर्नाटक में एचडी कुमारस्‍वामी के नेतृत्‍व वाली जेडीएस-कांग्रेस सरकार के इस्‍तीफा देने के बाद राजनीतिक हलकों में माना गया कि पिछले कई दिनों से जारी शह और मात का खेल अब बंद हो जाएगा लेकिन हकीकत में ऐसा हुआ नहीं। कुमारस्‍वामी सरकार गिरने के बाद भी जेडीएस-कांग्रेस ने अपने बागी विधायकों को मनाने का सिलसिला जारी रखा था। जेडीएस-कांग्रेस की इसी कोशिश को देखते हुए राज्‍य में सरकार बनाने या इंतजार करने के उधेड़बुन में फंसी बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्‍व ने तत्‍काल सरकार बनाने का फैसला लेने के लिए मजबूर कर दिया।

सूत्रों के मुताबिक 'इस्‍तीफा देने वाले और बागी विधायकों' विधायकों को मनाने के लिए जेडीएस-कांग्रेस की कोशिशों के बारे में जैसे ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को जानकारी दी गई उन्‍होंने तत्‍काल बीएस येदियुरप्‍पा को सरकार बनाने का दावा पेश करने की स्‍वीकृति दे दी। इसके बाद बीएस येदियुरप्‍पा ने सुबह 10.30 बजे राज्‍यपाल वजूभाई वाला से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके बाद उन्‍होंने शाम 6 बजे रेकॉर्ड चौथी बार मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली।

जानें क्‍यों बीजेपी को करनी पड़ी जल्‍दीबाजी
सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक विधानसभा अध्‍यक्ष रमेश कुमार के बागी विधायकों पर फैसले में स्‍पष्‍टता के बिना शाह राज्‍य में बीजेपी के सरकार बनाए जाने के पक्ष में नहीं थे। शाह ने राज्‍य के नेताओं को इंतजार करने के लिए कहा था। पूर्व मुख्‍यमंत्री एचडी कुमारस्‍वामी और कांग्रेस एमएलए रामलिंगा रेड्डी के बीच बैठक के बाद राज्‍य में अटकलों का बाजार गरम हो गया कि ये दोनों नेता बेंगलुरु के कुछ बागी विधायकों के साथ संपर्क में हैं।

सूत्रों ने बताया कि रेड्डी एक बागी विधायक से संपर्क करने में सफल हो गए थे और उन्‍होंने फोन को कुमारस्‍वामी को दे दिया था। कुमारस्‍वामी ने बागी विधायकों के साथ बातचीत के दौरान उनसे वापस आने और अपनी पसंद का सीएम चुनने के लिए कहा। जेडीएस नेता ने बागी विधायकों को आश्‍वासन दिया कि वह कांग्रेस नेता के नेतृत्‍व में बनने वाली सरकार को अपना समर्थन देंगे।

डीके शिवकुमार दिल्‍ली तलब, सिद्धारमैया गए गुप्‍त स्‍थान पर
बदलते घटनाक्रम में शुक्रवार शाम को स्‍पीकर रमेश कुमार ने अचानक मीडिया को बुलाकर कांग्रेस के 3 विधायकों-आर शंकर, रमेश जरकिहोली और महेश कुमतल्‍ली को अयोग्‍य घोषित कर दिया। स्‍पीकर ने बाकी बचे बागियों को स्‍पष्‍ट संकेत दिया कि उनके खिलाफ भी इसी तरह का ऐक्‍शन लिया जा सकता है। इन सबके बीच दो अन्‍य घटनाक्रम हुए। कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व मंत्री डीके शिवकुमार को दिल्‍ली तलब किया ताकि सरकार बनाने की संभावनाओं पर चर्चा की जा सके।

उधर, पूर्व सीएम सिद्धारमैया पूर्व मंत्री जमीर अहमद खान के साथ एक गुप्‍त स्‍थान पर चले गए ताकि बीजेपी की रणनीति को मात दी जा सके। बताया जा रहा है कि जेडीएस-कांग्रेस के इस गुप्‍त प्‍लान को देखते हुए अमित शाह ने कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ली और बेहद जल्‍दीबाजी में तत्‍काल येदियुरप्‍पा को कर्नाटक में सरकार बनाने का दावा पेश करने को कहा। राज्‍यपाल ने येदियुरप्‍पा को शाम को शपथ भी दिला दी।

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