खेत में लगी आग तो दौड़ पड़ीं स्मृति ईरानी, हैंडपंप चलाकर भरा पानी

 
अमेठी 

लोकसभा चुनाव के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में प्रचार जोर शोर से जारी है. सभी दलों के दिग्गज नेता अपने क्षेत्रों में लोगों से मिलने जुलने और जनसभा करने में व्यस्त हैं. लेकिन अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मैदान में उतरीं बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का एक अलग चेहरा देखने को मिला. वह रविवार को अमेठी में प्रचार के लिए दौरे पर थीं. अमेठी के एक गांव में खेत में लगी आग बुझाने के लिए वह पहुंच गईं. स्मृति ने हैंडपंप चलाकर पानी भरा और आग बुझाने में लोगों के साथ-साथ फायर ब्रिगेड की मदद की. फायर ब्रिगेड की गाड़ी देर से पहुंचने पर स्मृति ने अफसरों की क्लास भी ली. स्मृति ईरानी ने आग बुझाने में मदद की.
 
यह घटना अमेठी जिले के पूरब द्वार गांव की है, जहां स्मृति ईरानी ने हैंडपंप चलाकर आग बुझाने में लोगों की मदद की. वहीं स्मृति ईरानी से एक दिन पहले यानी 28 अप्रैल को चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अमेठी पहुंची थीं. प्रियंका गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर अमेठी में लोगों को पैसे बांटने का आरोप लगाया. प्रियंका ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'बीजेपी के लोग अमेठी में चुनाव जीतने के लिए जनता को पैसे, साड़ियां और जूते बांट रहे हैं. यह चुनाव जीतने का बेहद गलत तरीका है. जब मैं 12 साल की थी, तब से यहां आ रही हूं. अमेठी और रायबरेली के लोगों में बहुत आत्मसम्मान है. यहां की जनता ने कभी किसी से भीख नहीं मांगी है.'

प्रियंका गांधी ने कहा, "हम शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं. राष्ट्रवाद देश की जनता की दिक्कतों को खत्म करने के लिए होता है, लेकिन बीजेपी के लोग जनता की नहीं सुनते हैं. जब भी जनता कोई मुद्दा उठाती है तो बीजेपी सरकार लोगों का दमन करती है." प्रियंका गांधी पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने के बाद से लगातार पूरे क्षेत्र में दौरा करके कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास कर रही है.

बता दें कि इससे पहले स्मृति ईरानी द्वारा जूता बांटे जाने की घटना ने नया राजनीतिक मोड़ ले लिया था. उन लोगों ने जूते लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था जिन्हें स्मृति ईरानी ने जूते बांटे थे. स्मृति को जब इस बात का पता चला कि उनके संसदीय क्षेत्र के कुछ स्थानीय लोगों के पास पहनने के लिए जूते नहीं हैं, तो उन्होंने गांवों में जूते वितरित करवा दिए. बाद में इस मुद्दे पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने इसे अमेठी की जनता का अपमान बताया. उन्होंने कहा कि अमेठी के लोग भिखारी नहीं हैं. हरिहरपुर गांव के लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हाथ में जूते लेकर प्रदर्शन किया. उन्होंने हाथ में तख्तियां पकड़ रखी थीं, जिस पर लिखा था-स्मृति ईरानी उन्हें अपना पता दें, ताकि वे उन्हें जूते वापस भेज सकें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *