क्वारंटीन पर येदियुरप्पा सरकार ने पलटा फैसला

चेन्नै
देश भर में लॉकडाउन 4.0 के खत्म होने के बाद 1 जून से रेल और हवाई सेवाएं शुरू करने का ऐलान किया जा चुका है। इस बीच कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार प्रदेश में अपनी क्वारंटीन नीति पर पुनर्विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार राज्य में आने वाले यात्रियों के लिए इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन की बजाय स्थानीय समितियों की सख्त निगरानी में होम क्वारंटीन के विकल्प पर विचार कर रही है।

दरअसल, 1 जून से घरेलू हवाई सेवाएं और रेल सेवा के शुरू किए जाने के बाद प्रदेश में हर दिन तकरीबन 10 हजार यात्रियों के आगमन की संभावना है। ऐसे में इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन को लेकर प्रदेश सरकार को संसाधनों के अभाव को लेकर दिक्कत हो सकती है। प्रदेश के मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर के सुधाकर ने बुधवार को विशेषज्ञों के साथ इस बाबत मीटिंग की और ऐसी स्थिति से निपटने की चुनौतियों पर चर्चा की।

होम क्वारंटीन किए जाएंगे यात्री
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार निगरानी और सतर्कता बढ़ाकर होम क्वारंटीन की नीति का ऐलान करने वाली है। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश में कोरोना टेस्ट और निगरानी बढ़ाने वाले हैं। प्रदेश में आने वाले यात्रियों को होम क्वारंटीन किया जाएगा और उन पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। इसके लिए प्रदेश की निगरानी व्यवस्था में व्यापक सुधार किया जाएगा। इससे पहले प्रदेश के सीएम बीएस येदियुरप्पा ने 18 मई को कहा था कि प्रदेश में प्रवेश करने वाले सभी लोगों के लिए इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन अनिवार्य होगा।

जानकारी के मुताबिक, हवाई और रेल यात्राएं शुरू होने के बाद ऐसा अनुमान है कि हर दिन प्रदेश में 10 हजार लोगों का प्रवेश होगा। बीते हफ्ते देश भर में फंसे 1.9 लाख लोगों ने कर्नाटक वापस लौटने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। सेवासिंधु नाम के पोर्टल पर इन लोगों ने पास के लिए आवेदन किया था। ऐसे में अगर हर रोज हजारों लोग कर्नाटक आएंगे तो उन्हें इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन करने में मुश्किल हो सकती है।

मंत्री ने बताई मजबूरी
वहीं, यात्रियों को होम क्वारंटीन किए जाने के सरकारी कदम का विरोध करते हुए मैसूर विश्वविद्यालय के एक्सपर्ट डॉ. सत्यनारायण ने कहा कि इससे कोरोना वायरस का संक्रमण शहर दर शहर बढ़ता जाएगा और इसे रोकना काफी मुश्किल हो जाएगा। इस पर मंत्री ने अपनी मजबूरी बताई है। उन्होंने कहा कि एक बार प्रदेश में आने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ने लगेगी तो लोगों को इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन करना काफी मुश्किल होगा। अगर हर दिन लाखों लोग आने लगेंगे तो सबको कहां इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन किया जाएगा।

वहीं इससे पहले इससे पहले सीएम येदियुरप्पा ने यह भी कहा था कि एक जून से प्रदेश में उतने ही लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी, जितने लोगों के लिए इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन सेंटर्स व्यवस्था होगी। मंत्री सुधाकर ने कहा कि हम प्रदेश में कोरोना टेस्ट की संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। कम से कम हर दिन एक लाख टेस्ट पर काम हो रहा है।

कोविड टेस्ट लैब की संख्या बढ़ेगी
सुधाकर ने कहा कि प्रदेश सरकार इस महीने के अंत तक राज्य में 60 से ज्यादा कोविड-19 टेस्ट सेंटर्स तैयार कर लेगी। गुरुवार तक राज्य में कुल 53 टेस्ट लैब स्थापित किए जा चुके थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने ग्रामीण और शहरी इलाकों के लिए अलग-अलग प्लान तैयार किया है। लोगों को होम क्वारंटीन का सख्ती से पालन कराने के लिए गांवों में ग्राम पंचायत स्तर पर और शहरों में वॉर्ड स्तर पर निगरानी रखी जाएगी। महामारी को नियंत्रित रखने के लिए मजबूत निगरानी ही एकमात्र तरीका है।

वहीं, परिवहन सेवाएं शुरु होने के बाद यात्रियों के लिए कुछ दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। सभी को अपने फोन में आरोग्य सेतु इंस्टाल करने को कहा गया है। एयरपोर्ट पर आरोग्य सेतु में रेड सिग्नल पाए जाने के बाद संबंधित यात्री को इंस्टिट्यूशनल क्वारंटीन कर दिया जाएगा।

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