क्रूड के दाम बढ़ने से शेयर बाजार 666 अंक गिरा

मुंबई
सऊदी के तेल कुंओं पर हमले और अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम बढ़ने से घरेलू शेयर बाजार में कहीं मंगल नजर नहीं आ रहा। बेंचमार्क इंडेक्सेस 1 पर्सेंट से ज्यादा की गिरावट के साथ लाल निशान पर दिखाई दे रहे हैं। लगातार बढ़ती बिकवाली के चलते बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स दोपहर करीब 2:20 बजे 650 अंकों से ज्यादा लुढ़क गया। उस समय सेंसेक्स 666.59 अंकों की गिरावट के साथ 36,456.72 पॉइट्स पर कारोबार करता देखा गया था। वहीं एनएसई निफ्टी करीब 190 अंकों के नुकसान के साथ 10,813 पर दिखाई दिया।
सभी सेक्टोरल इंडेक्सेस लाल निशान पर आ गए। ऑटोइंडेक्स की बात करें तो उसमें 1.75 पर्सेंट की गिरावट दिखाई दी। वहीं शेयरों की बात की जाए तो सेंसेक्स पर गेल, टाइटन औप यूपीएल के शेयरों में सबसे ज्यादा बढ़त दिखाई दी। आइए जानें किन वजहों से बाजार लाल होता जा रहा है।

सउदी तेल संकट
सऊदी अरब के तेल कुंओं पर ड्रोन हमले के बाद सप्लाई में कमी को देखते हुए ब्रेंट क्रूड के दाम में बड़ा उछाल देखा गया, जिसका असर शेयर बाजार पर भी पड़ रहा है।

तकनीकी कारण
सोमवार को डेली चार्ट पर डेछ क्रॉस का फॉर्मेशन हुआ, जिसकी वजह से बाजार में गिरावट दिखाई दे रही है। यह फॉर्मेशन निफ्टी में शॉर्ट टर्म की गिरावट का संकेत देता है। यह क्रॉस मुखय रूप से 50 दिन के मूविंग ऐवरेज पर आधारित होता है।

वैश्विक संकेत
वैश्विक सूचकांकों पर भी बिकवाली का जोर देखने को मिला, जिसका असर घरेलू शेयर बाजार भी दिखाई दे रहा है। सोमवार को डाउ जोन्स में 0.5% की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, एशियाई बाजारों में भी गिरावट का माहौल रहा। हैंगसैंग और शांघाई कम्पोजिट इंडेक्सेस 1.7 फीसदी नीचे थे। वहीं चीन के आईआईपी के आंकड़ों ने भई निराश किया, जो 17 सालों के निचले स्तर पर हैं।

ऑटो शेयरों में गिरावट
निफअटी ऑटो इंडेक्स आज 2.3 फीसदी नीचे कारोबार करता देखा गया। सबसे ज्यादा गिरावट हीरो मोटोकॉर्प में देखने को मिली। इसके अलावा, बॉश ौर भारत फोर्ज में भी गिरावट देखी जा रही है।

फेड रिजर्व बैठक
फेड रिजर्व की बैठक के पहले रेट कट की संभावनाओं को लेकर भी बाजार में निराशा है। मार्केट ऐनालिस्ट्स ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं हालांकि ये कयास भी लगाए जा रहे हैं कि केंद्रीय बैंक कुछ आंकड़े आने के बाद ही कुछ फैसला लिया जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप लंबे समय से रेट कट की मांग कर रहे हैं।

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