क्या है हंता वायरस, इसके लक्षण और बचाव का उपाय जानिए

नई दिल्ली 
कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। इस जानलेवा वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए लगातार जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। इसी बीच चीन के युन्नान प्रांत में एक और वायरस का खौफ सामने आया है। युन्नान में एक शख्स की मौत हंता वायरस के संक्रमण से हुई है। हंता वायरस से इस शख्स की मौत के बाद ये इस वायरस का नाम ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। यूजर्स हंता वायरस को लेकर चर्चा में जुट गए हैं। सवाल उठाए जा रहे कहीं ये भी कोरोना वायरस की तरह महामारी नहीं बन जाए। भारत में भी इस वायरस के संक्रमण की आशंकाएं उठने लगी हैं। आखिर हंता वायरस क्या है, इसके लक्षण और इससे बचने के क्या उपाय हैं, आइए जानते हैं… 

हंता वायरस क्या है
जानकारों के मुताबिक, हंता वायरस से ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये कोरोना वायरस की तरह घातक नहीं है। ये वायरस किसी को छूने या फिर हवा के रास्ते नहीं फैलता है। यह किसी चूहे या फिर गिलहरी के संपर्क में आने से फैलता है। सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, 'हंता वायरस चूहों के मल, मूत्र से फैलता है। इंसान इस वायरस से तभी संक्रमित होते हैं जब वो इसके संपर्क में आते हैं। ऐसे में जिन भी घरों में चूहों का आना-जाना होता है उन्हें खास सावधानी बरतने की जरुरत होती है।

हंता वायरस के लक्षण
हंता वायरस से संक्रमित लोगों को बुखार, थकान, मांसपेशियों में दर्द होता है। ये दर्द खास तौर से जांघ-कूल्हे, पीठ और कंधे में ज्यादा हो सकता है। इसके अलावा सिरदर्द, चक्कर आना, ठंड लगना, पेट में दर्द, उल्टी और दस्त भी इस वायरस के संक्रमण में शामिल है। इस वायरस को पहचानने में देरी हुई तो इससे संक्रमित मरीज के फेफड़े में तरल पदार्थ भरने लगता है और फिर उसे सांस लेने में समस्या होती है।

हंता वायरस का क्या है इलाज
हंता वायरस भी जानलेवा हो सकता है, अभी तक इस वायरस का कोई स्पष्ट इलाज नहीं है। केवल मेडिकल देखभाल और आईसीयू के जरिए मरीज की निगरानी की जाती है। ऑक्सीजन सिलेंडर के जरिए मरीजों को सांस लेने में मदद पहुंचाई जाती है। इस वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सबसे जरूरी यही है कि बुखार और थकान वाले व्यक्ति चूहों से दूर रहें। चूहे और गिलहरी से ही ये वायरस फैलता है इसलिए उन्हें इसका खास ध्यान रखने की जरूरत होती है।

हंता वायरस से कैसे बचें
हंता वायरस से बचाव का सबसे आसान तरीका है कि घरों-कार्यालयों या फिर रहने वाली जगह पर चूहे नहीं पहुंच सकें। लगातार इस बात पर नजर रखें कि कोई चूहा घर में नहीं जा सके। चूहे और गिलहरी से खास दूरी बना के रखें। हंता वायरस एक शख्स से दूसरे तक नहीं जाता, लेकिन अगर कोई चूहों के मल, पेशाब आदि को छूने के बाद अपनी आंख, नाक और मुंह को छूता है तो उसके हंता वायरस से संक्रमित होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में लोगों को इस बात का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है।

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