कोरोना लॉकडाउन पलायन: रिक्शा में दिल्ली से 1200 km दूर घर जा रहे चार मजदूर दोस्त

  एटा                                                                  
दिल्ली में काम करने वाले चार दोस्त दिल्ली से रिक्शा में सवार होकर निकले है। तीन दिन में यह लोग 200 किमी की यात्रा कर पाएं है। अपने घर तक पहुंचने के लिए अभी एक हजार किमी यात्रा और करनी है। घर पर कब पहुंचेंगे इन्हें अभी नहीं पता। संभावना है कि दस दिन का समय लग जाएगा।

बिहार के जनपद खगड़िया के थाना चौयम क्षेत्र के गांव लगोरा निवासी भानू यादव और आासपास के गांव के रघुनंदन, राहुल और पिंटू दिल्ली में आजाद मार्केट में कांप्लेक्स में नौकरी करते थे। इन्हें पगार के रुप में सात से आठ हजार रुपया मिलता था। दुकान पर काम करने के यह लोग फुटपाथ पर ही रहते थे। देश भर में लॉकडाउन का ऐलान हुआ। दो दिन तक तक फुटपाथ रहे, लेकिन बाहर किसी ने रहने नहीं दिया। दुकान के मालिक से फोन पर संपर्क किया।

उन्होंने कह दिया अभी तुम चले जाओ। यह बात सुन यह लोग दंग रह गए। घर कैसे पहुंचे इसके लिए वाहन की तलाश की गई। कोई वाहन नहीं मिला तो एक रिक्शा मिल गया। इस रिक्शा पर चारो लोगों ने अपना-अपना सामान रख लिया। गुरुवार की सुबह घर के लिए निकल दिए। दिल्ली से चलते समय परिवार के लोगों को फोन कर बता दिया कि हम लोग रिक्शा से आ रहे है। कब पहुंचेंगे यह कुछ नहीं बता। दो दिन तक तो मोबाइल फोन चला, लेकिन अब तो वह भी डिस्चार्ज हो गया। 24 घंटें से अधिक का समय हो गया कि घर पर भी संपर्क नहीं हुआ। यहां तक पहुंच गए। पिंटू ने बताया कि यहां तक पहुंच गए। धीरे-धीरे घर पर भी पहुंच जाएगें। 

पुलिस के डर से भाग आए
दिल्ली में अब रहने नहीं दे रहे है। पुलिस डंडे मारकर भगा रही है। अगर दिल्ली में रहने को जगह होती हम लोग आते नहीं। जिस समय वहां से चले तो पैसा भी नहीं था। लॉक डाउन के कारण मालिक से भी बात नहीं हो पाई। अब दिल्ली कब जाएंगे कोई पता नहीं। अब दिल्ली देखकर डर लगने लगा है। 

थकने पर चलाता है दूसरा दोस्त रिक्शा
एटा। एक दोस्त जब रिक्शा चलाता है तीन लोग बैठ जाते है। चलते-चलते जहां पर रात हो जाती है वहीं पर रुक जाते है। कितने किमी चल जाए यहीं भी नहीं पता। अपने गांव में ही रहेंगे। कम से सुरक्षित तो रहेंगे। कोई ऐसे मारेगा तो नहीं।

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