कोरोना का कहर: बड़े अस्पताल अलर्ट पर, आइसोलेशन वार्ड तैयार, एयरपोर्ट पर विशेष चौकसी, यात्रियों पर नजर

पटना     
कोरोना को लेकर शहर के अस्पतालों में पुख्ता तैयारी कर ली गई है। पीएमसीएच, एनएमसीएच के अलावा पटना आयुर्वेदिक कॉलेज में भी इससे निपटने की योजना बनाई गई है। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने कहा कि पटना जंक्शन पर यात्रियों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था किया जाना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है क्योंकि यहां यात्रियों की निकासी के कई रास्ते हैं जबकि एयरपोर्ट पर एक ही निर्धारित निकासी का मार्ग होता है।   पीएमसीएच में कोरोना से निपटने के लिए पूरी तैयारी की गई है। इसके लिए यहां सेंट्रल इमरजेंसी के ऊपर सात बेड का एक अलग आइसोलेशन वार्ड बना दिया गया। इस वार्ड के लिए डॉक्टरों की निगरानी में सीनियर नर्स की तैनाती की गई है।

पटना एयरपोर्ट पर कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट की स्थिति है। हालांकि एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ान नहीं हैं लेकिन कनेक्टिंग फ्लाइट से आ रहे यात्रियों पर नजर रखी जा रहा है। एयरपोर्ट के आगमन एरिया में जहां हेल्प डेस्क बनाया गया है वहीं, यात्रियों से सीधे तौर पर मुखातिब होने वाले कर्मियों को मास्क लगाने का निर्देश दिया गया है। एयरपोर्ट के आगमन एरिया में हर शिफ्ट में चार डॉक्टरों की तैनाती की गई है। डॉक्टरों की विशेष टीम को यह निर्देश दिया गया है कि जांच के दौरान संदिग्ध के पाये जाने पर सिविल सर्जन और स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दें। एयरपोर्ट के आगमन परिसर में चार डॉक्टरों की टीम हमेशा तैनात है और जांच जारी है। संदिग्ध मरीजों के पाये जाने की स्थिति में उन्हें पीएमसीएच भेजने की तैयारी है। 

घबराएं नहीं, सावधानी ही है बचाव
कोरोना वायरस को लेकर ज्यादा भयभीत होने और भय का माहौल बनाने की जरूरत नहीं है। भारत के अलग-अलग राज्यों में बेशक इससे संक्रमित मरीज पाए गए हैं। लेकिन यह सभी आयुवर्ग के इंसानों पर एक समान प्रभाव नहीं डालता है।  चीन में जहां से इसके प्रकोप की शुरुआत हुई, वहां अबतक एक लाख से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं। लेकिन आंकड़े के मुताबिक इससे मृतकों की संख्या तीन हजार के आसपास ही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सभी पीड़ितों की मौत नहीं होती है। 

60 साल से अधिक आयुवर्ग के लोग, बीपी, शुगर, टीबी, अस्थमा, कैंसर आदि से पीड़ित लोग, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है उनके लिए यह वायरस जानलेवा साबित होता है। देश में अभी उन्हीं लोगों में वायरस पॉजिटिव पाया गया है, जो दूसरे देश से आए हैं। इससे पहले केरल में आए पीड़ितों के ठीक होने में भी देश के डॉक्टरों को सफलता मिल चुकी है। इसलिए लोगों को कोरोना को लेकर ज्यादा भयभीत होने की जरूरत नहीं है। ये बातें राज्य के शीर्ष अस्पतालों के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कहीं। इनमें चिकित्सा के तीनों विधा आयुर्वेद, होम्योपैथिक और एलोपैथिक के चिकित्सकों ने कहा कि सावधानी ही इसका सबसे बड़ा बचाव है। अगर हर नागरिक सतर्क रहे तो न सिर्फ बिहार से बल्कि भारत से कोरोना के भय को मिटाया जा सकता है।   

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