कोरबा में खतरनाक होता जा रहा है प्रदूषण, पाल्यूटेड इंडस्ट्रीयल कलस्टर में शामिल

कोरबा
छत्तीसगढ़ के 5 शहरों को पाल्यूटेड इंडस्ट्रीयल कलस्टर में शामिल किया गया है. इसमें पहले से ही प्रदूषित कोरबा शहर भी शामिल है. एनजीटी के निर्देश पर आवास एवं पर्यावरण विभाग ने छह अधिकारियों की टीम बनाई है. पर्यावरण संरक्षण मंडल से चार बिंदुओं में जानकारी मांगी गई है. उसके बाद कोरबा शहर के आबोहवा को सुधारने की कवायद शुरू होगी. ऊर्जाधानी कोरबा पिछले कई साल से प्रदूषण की मार झेल रहा है.

बीच शहर में संयंत्र और राखड़ डेम ने कोरबा को सबसे अधिक प्रदूषित किया है. कई बार इसको लेकर रिपोर्ट भी आ चुकी है. अब जाकर इसकी सुध ली जा रही है. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गंभीरता से लेते हुए प्रदेश के चार शहरों को पाल्यूटेड इंडस्ट्रीयल कलस्टर के रूप में रखा है. रायपुर के उरला, सिलतरा, भिलाई और कोरबा शहर को इसमें शामिल किया है.

बता दें कि देश के 43 क्रिटिकल जोन में कोरबा भी शामिल है. एनजीटी ने देश भर के 43 क्रिटिकल जोन को चिंह्नांकित किया गया है. इसमें कोरबा भी शामिल है, जिन शहरों में सीईपीआई का स्तर 70 से अधिक है, उनको क्रिटिकल जोन में रखा गया है. कोरबा शहर का स्तर सीईपीआई का स्तर औसत से कहीं अधिक 83 तक जा पहुंचा है. जबकि रायपुर का 64.48 ही है. इस क्लस्टर को बनाने के पीछे दो मकसद नजर आ रहा है. पहला शहर में प्रदूषण का स्तर पता कर उसे कम करना, दूसरा इन चारों ही औद्योगिक शहरों में नए उद्योगों को अनुमति देने से पहले वहां की रिपोर्ट तैयार करना.

अगर रिपोर्ट ये आती है कि प्रदूषण का दायरा अधिक या फिर डेडलाइन के करीब है तो नए उद्योग को अनुमति नहीं मिलेगी. अगर दायरा कम है तो उस पर विचार किया जाएगा. गौरतलब है कि कोरबा शहर में नए उद्योगों को फिलहाल अनुमति नहीं है. छत्तीसगढ़ क्षेत्रीय पर्यावरण संरक्षण मंडल के सहायक अभियंता विजय सिंह पोर्ते ने बताया कि मुख्यालय से चार बिंदुओं में जानकारी मांगी गई है, जिसे बनाकर भेजा जा रहा है. इधर पर्यवरण के जानकर लक्ष्मी चौहान की मानें तो कोरबा में आम लोग प्रदूषण से हलाकान हैं.

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