कोटा में बच्चों की मौत पर गहलोत की दलील- इस साल कम मौतें, ये कोई नई बात नहीं

कोटा
कोटा के जेके लोन अस्पताल में बीते एक महीने में 77 बच्चों की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला भी इस पर चिंता व्यक्त कर चुके हैं. वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने भी गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा है.

इधर, बच्चों की मौत पर सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चौकाने वाली बात कही है. उन्होंने कहा कि अन्य वर्षों के मुकाबले इस साल बच्चों की कम मौतें हुई हैं. ये कोई नई बात नहीं है.

उन्होंने कहा, 'सबसे कम जानें 6 साल में इस साल गई हैं. एक भी बच्चे की मौत होना दुर्भाग्यपूर्ण है, पर मौतें 1500 भी हुई हैं एक साल के अंदर. 1400 भी हुई है, 1300 भी हुई है लेकिन इस साल करीब 900 बच्चों की मौतें हुई हैं.'

उन्होंने कहा, 'ये 900 मौतें भी क्यों हुई हैं. ये भी नहीं होनी चाहिए. लेकिन पूरे देश के अंदर, पूरे प्रदेश के अंदर, हर अस्पताल के अंदर 4-5 मौतें होती ही हैं, ये कोई नई बात नहीं है. जयपुर में भी होती है.'

गहलोत ने कहा, 'मैंने पूरी तरह वहां जांच करवाई है. क्या सुविधाएं हो सकते हैं, वो वहां भी हो और पूरे प्रदेश के अंदर हो. पिछले टर्म में भी हमने ऑपरेशन थिएटर को अपग्रेड करने का काम किया था.'

बता दें कि बच्चों की मौत के आंकड़े सामने आने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मामले की जांच का आदेश दिया है. गहलोत ने शुक्रवार को कहा था कि जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत की जांच के लिए एक टीम कोटा भेजी गई है. उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

अस्पताल सूत्रों ने कहा कि सिर्फ दिसंबर में 77 बच्चों की मौत हुई है, जबकि सोमवार व मंगलवार को 10 मौतें हुईं हैं. गहलोत ने चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गलेरिया को कोटा का दौरा करने और तत्काल आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.

गलेरिया ने कोटा में कहा, 'मुख्यमंत्री गहलोत ने मामले को गंभीरता से लिया है और इसलिए मैं नवजातों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए यहां आया हूं. एक स्पेशल कमेटी जांच करेगी कि क्या बच्चों की मौत की वजह हाईजीनिक या क्लिनिकल मुद्दे हैं या नहीं. इसके अलावा, सभी दूसरे मुद्दों को देखा जाएगा.'

यह पूछे जाने पर कि स्टाफ की कमी के कारण अस्पताल प्रभावित हो रहा है, उन्होंने कहा, 'मैं पूरी जांच के बिना टिप्पणी नहीं कर सकता. हम यहां कमी का पता लगाने की और समाधान भी खोजने की कोशिश कर रहे हैं.'

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