कोई ले लो मेरा बेटा गोद, जख्मी हाल में नहीं उठा सकती खर्च का बोझ

 बरेली                                                                                                                                                  
साहब, पति ने पीटकर घायल कर दिया और एक बच्चे समेत घर से निकाल दिया। जख्मी हाल में मुझको न अस्पताल वालों ने इलाज दिया और न ही पुलिस ने मदद की। मैं अपने बच्चे के लिए दूध का इंतजाम कर पा रही हूं। मुझ अभागी मां की मदद कीजिए। दिल पर पत्थर रखकर अपना बेटा देने आई हूं कोई गोद ले लीजिए।

यह शब्द थे बरेली के बिथरी रामगंगानगर कॉलोनी निवासी रेखा के। रो-रोकर इस महिला ने एसएसपी कार्यालय में शिकायत की कि 10 साल पहले उसका विवाह बदायूं जिले के बजीरगंज में हुई थी। उसके तीन बच्चे आर्यन, जतिन औद दिव्यांश हैं। पति अक्सर मारपीट करता है। दो दिन पहले पति ने बुरी तरह पीटा। उनके साथ जेठ व जेठानी भी मारपीट करने आ गए। जिससे वह घायल हो गई। इसके बाद दो साल के बेटे दिव्यांश के साथ घर से निकाल दिया। वह काफी देर तक गेट पर गिड़गिड़ाती रही मगर पति ने दरवाजा नहीं खोला। इसके बाद वह किसी प्रकार मायके में रामगंगानगर कॉलोनी पहुंची।

मायके वाले भी काफी गरीब हैं। मां ने तो बात की मगर भाई या अन्य कोई बात भी नहीं कर रहे हैं। हालत यह है कि वह अपने बच्चे के लिए दूध का इंताज भी नहीं कर पा रही है। वह मां के साथ इलाज के लिए किसी प्रकार अस्पताल पहुंची मगर अस्पताल वालों ने इलाज करने से इंकार कर दिया। इसके बाद बिथरी थाने गई, वहां भी पुलिस ने कोई मदद नहीं की। अब कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है। मानसिक स्थिति भी खराब हो रही है। इसलिए बच्चे की जिंदगी और उसके भविष्य की खातिर बच्चे को गोद देना चाहती हूं।

इसके बाद रेखा बच्चे को सीने से चिपकाकर रो पड़ी। रोते-रोते बोली कि इन हालातों में तो मौत ही सामने नजर आ रही है। मगर मेरा बच्चा बच जाए और कहीं भी रहे मगर चैन से रहे। यह नजारा देख और महिला की बातें सुनकर वहां हर किसी की आंख नम हो गई। 

एसएसपी कार्यालय से भगाया
महिला की व्यथा अस्पताल या बिथरी थाने वालों ने तो नहीं ही समझी जिसकी बदौलत रेखा बच्चे को गोद देने तक को तैयार हो गई। एसएसपी कार्यालय में जब महिला अंदर शिकायत करने घुस रही थी तो गेट पर ही पुलिसकर्मियों ने रोक लिया। उसकी बात कुछ सुनी और अनसुनी करके गेट से ही भगा दिया। महिला रोती हुई वापस अपने घर चली गई। 

बीमारी हालत की बात सुनकर मची भगदड़
महिला मारपीट में जख्मी थी। उसने जब बताया कि वह बीमार है तो आसपास खड़े फरियादियो व स्टॉफ में भगदड़ मच गई। उन्हें लगा कि यहां बच्चे को कोई गोद लेने के लिये तैयार हो जायेगा। महिला की खराब हालत देख लोगों ने कई कदम की दूरिया बना ली और कोरोना जांच कराने की बात कही। महिला हर बार अस्पताल में भर्ती करवाने की प्रार्थना करती रही। मगर किसी ने उसकी नहीं सुनी। 

महिला के बेटे को गोद देने के बारे में जानकारी नहीं है। महिला की शिकायत की जांच कराई जाएगी। जांच में सत्यता पाए जाने पर कार्रवाई होगी। – शैलेश कुमार पांडेय, एसएसपी

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