कैराना के बाद मेरठ से पलायन को मजबूर लोग, मचा हड़कंप

 
मेरठ 

पश्चिम उप्र के बाद अब मेरठ का प्रहलाद नगर करीब छह महीने से पंजाबियों के पलायन के मुद्दे की वजह से चर्चा में है। मेरठ के इस मोहल्ले का हाल यह है कि यहां पर शाम होते ही महिलाएं और युवतियां घर में कैद हो जाती हैं। प्रहलाद नगर मोहल्ले में अपराध पुलिस के लिए कोई मुद्दा नहीं है। दिन निकलने के साथ ही दूसरे सांप्रदाय के युवा बाइकों पर तेज हार्न के साथ स्पीड से निकलते हैं। युवतियों पर फब्तियां कसना और मारपीट करना इन युवकों का शगल बन चुका है। जो मोहल्ला पहले कभी मेरठ की शान हुआ करता था आज उसी मोहल्ले में तरक्की पसंद व्यक्ति रहने को तैयार नहीं हैं। हालात ये है कि लोग यहां से पलायन को मजबूर हैं। इस मोहल्ले में अब हर तीसरे मकान में मकान बिकाऊ है, का बोर्ड लगा हुआ है।  
 2017 में जब विधानसभा चुनाव हुए थे उस दौरान पश्चिम उप्र में हिन्दुओं के पलायन की खबरें काफी सुर्खियों में थी। 2017 में ही बजरंग दल ने आरोप लगाया था कि कानून-व्यवस्था बिगडऩे के कारण देवबंद से सैकड़ों हिन्दू परिवार पलायन कर गए थे। इसे भाजपा और उसके अन्य संगठनों ने कश्मीर से पंडितों के पलायन की तरह की घटना बताया था। खुद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उस दौरान गोरखपुर के सांसद थे। योगी आदित्यनाथ ने उस दौरान मांग की थी कि इसकी केंद्रीय जांच होनी चाहिए, क्योंकि कानून व्यवस्था बिगडऩे की वजह से पश्चिम यूपी के हिंदू भारी संख्या में पलायन कर रहे हैं। 

भाजपा की एक टीम हिंदुओं के पलायन की जांच करने के लिए उस दौरान कैराना भी गई थी। इस पूरे मामले में दिवंगत भाजपा नेता हुकुम सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भाजपा की टीम ने भी माना था कि मुस्लिमों के दबाव के चलते हिंदुओं को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। खैर ये तो थी 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान पलायन के मुद्दे की बातें। आज जब मेरठ में भी इसी तरह का पलायन जारी है तो इसके बारे में भाजपा के विधायक और सांसद चुप क्यों हैं?
 सांसद-विधायक के बावजूद भी मामले पर संज्ञान नहीं ले रहे भाजपाई
मेरठ में आज पांच विधायक भाजपा के हैं और सांसद भी 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के ही जीतकर आए। ऐसे में भाजपा के शासनकाल में ही हिन्दू मेरठ जैसे मेट्रो शहर से पलायन के लिए मजबूर हो रहा है। इस बारे मेें जब सांसद राजेन्द्र अग्रवाल से बात की गई तो उनका कहना था कि यह गंभीर मसला है। इसकी जांच करवाई जाएगी। कोई अपराधिक कारणों से मोहल्ला छोड़ रहा है अपना घर छोड़ रहा है वाकई मामला काफी गंभीर है।

पलायन को आला अधिकारियों ने नकारा 
वहीं पलायन की बात पर प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। एडीजी और कमिश्नर समेत आला अधिकारी कालोनी वालों के पास पहुंचकर उनसे बात करते हुए उनकी परेशानी हल करने का आश्वासन देते नजर आ रहे हैं। साथ ही आला अधिकारी पलायन की बात को सरासर नकारते हुए नजऱ आ रहे हैं।

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