केसीआर ने लेफ्ट नेताओं से मिलकर विपक्षी गठबंधन को सपॉर्ट की रखी शर्त, चाहिए डेप्युटी पीएम का पद!
नई दिल्ली
तेलंगाना के मुख्यमंत्री और टीआरएस सुप्रीमो केसीआर का कहना है कि 23 मई को चुनाव नतीजे के बाद अगर किसी घटक को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता तो वह गैर बीजेपी गठबंधन का न सिर्फ हिस्सा बनने को तैयार हैं, बल्कि इसके लिए पूरी सक्रिय भूमिका भी निभाने को तैयार हैं। इसके लिए उनकी अपनी शर्त है। उनकी शर्त है कि उन्हें विपक्षी गठबंधन डेप्युटी पीएम के रूप में प्रॉजेक्ट करें।
सूत्रों के अनुसार, उनकी अचानक सक्रियता इसी मुद्दे पर है। अब 21 मई को दिल्ली में होने वाली विपक्षी मीटिंग में वह तभी शामिल होंगे, जब उन्हें इस बारे में भरोसा दिलाया जाता है। केसीआर ने इस बारे में लेफ्ट नेताओं से बात कर उन्हें दूसरे विपक्षी दलों से इस बारे में बात करने को कहा है। कांग्रेस नेताओं तक यह बात पहुंचाई गई है।
चुनाव हमेशा जीतने के लिए लड़ा जाता है, यह बात कई मायनों में सच है लेकिन देश में कुछ लोग ऐसे भी हुए हैं जो चुनावी दंगल में हारने के लिए ही खड़े होते हैं। इन्हें 'धरती पकड़' के नाम से जाना जाता है। इनमें से कोई मनोरंजन के लिए तो कोई राष्ट्रवाद की भावना फैलाने के उद्देश्य से मैदान में होता है। यहां जानिए प्रमुख पांच 'धरती पकड़' के बारे में
बरेली के रहनेवाले थे। वार्ड पार्षद से लेकर राष्ट्रपति तक का चुनाव लड़ा। जवाहर लाल नेहरू ने विधानसभा टिकट देने की पेशकश की थी, लेकिन काका ने मना कर दिया। जमानत राशि जब्त होने पर वह कहते कि यह देश के फंड में उनका योगदान है।
भागलपुर के रहनेवाले हैं। इन्होंने लगभग हर राज्य से चुनाव लड़ा हुआ। इसबार दिल्ली और पटना से लड़ रहे हैं। नामांकन में अपने साथ गधों को ले जाते थे। कहते कि यह दिखाता है कि नेता कैसे लोगों को मूर्ख बनाते हैं।
तमिलनाडु का यह शख्स इलेक्शन किंग के नाम से मशहूर है। पद्मराजन अपने नाम गिनेस रेकॉर्ड दर्ज कराना चाहते हैं और वह भी सबसे ज्यादा चुनाव हारने वाले प्रत्याशी के तौर पर। इसबार धर्मपुरी सीट से चुनावी मैदान में।